11 अगस्त को सुनील शेट्टी 57 साल के हो गए हैं.वह अपना बर्थडे लोनावला में मनाते हैं जहां वह अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करते हैं, साथ ही क्लोज फ्रेंड्स के साथ क्रिकेट खेलते हैं.इस बार उनका जन्मदिन वीकेंड पर है तो वह मुंबई में सोमवार से पहले नहीं दिखने वाले हैं.सुनील इन दिनों टाटा स्काई के लिए मड आइलैंड पर एक कमर्शियल शूट कर रहे हैं जो कि 120 दिन का मिशन फिट इंडिया फिटनेस फेस्टिवल लॉन्च कर रहा है.सुनील टाटा स्काई को वेलनेस कंटेंट प्रोवाइड कर रहे हैं.इसी सिलसिले में उन्होंने फिटनेस को लेकर काफी लम्बी बातचीत की.पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
आप हमेशा फिटनेस को लेकर सजग रहे हैं, इसके आपके लिए इसके क्या मायने हैं?
यह मेरे लिए सबकुछ है.मैं फिल्मों में फिटनेस की बदौलत आया, एक्शन की वजह से मैं खतरनाक स्टंट्स कर पाया.निर्माता कहा करते थे, आपकी बॉडी बहुत अच्छी है, आप विलेन के रोल में जचेंगे.सौभाग्य से मेरा एक्शन अच्छा था तो मुझे हीरो का रोल मिल गया.एक्टिंग मैं साथ में सीखता गया मगर फिटनेस मेरे लिए ऐसी है जैसे अगर आप किसी चीज को लगातार 21 दिन करो तो वो आदत बन जाती है लेकिन अगर आप उसे 90 दिन कर लो तो आपकी लाइफस्टाइल बन जाती है.फिटनेस मेरी लाइफस्टाइल बन चुकी है.यह मेरे डीएनए में बस चुकी है,यह ऐसी है जैसे मैं रोज टूथब्रश करता हूं,यह मेरे लिए सांस लेने जितनी ही जरुरी है,यह मेरा अभिन्न अंग बन चुकी है.
फिटनेस पहले के ज़माने से अब बदल चुकी है?
हाँ, अब यह काफी तकनीकी हो चुकी है.अब बेहतर ट्रेनिंग उपकरण आने लगे हैं और इसके प्रति लोग पहले से ज्यादा जागरूक भी हुए हैं.मुझे इस बात की ख़ुशी है कि लोग इसपर ध्यान देने लगे हैं.अब कई सारी ट्रेनिंग मेथड्स, एज रिलेटेड एक्सरसाइज,डाइट, न्यूट्रीशन और सोने,जागने को लेकर फिटनेस ट्रेनर्स काफी जानकारी देते हैं.यह अब वेलनेस का हिस्सा बन गई है.हर कोई इसपर बात करता है.कोई सरकार नागरिकों की हेल्थ पॉइंट ऑफ़ व्यू से केयर नहीं करती और इसे नजरअंदाज किया जाता है.मेरा मानना है कि अगर आप फिटनेस पर ध्यान दें तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी और न ही अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ेंगे और न दवाइयां लेनी पड़ेंगी.
आप बहुत पहले से ट्रेनिंग कर रहे हैं?
मैंने ट्रेनिंग इसलिए शुरू की थी क्योंकि मुझे क्रिकेट बहुत पसंद था और मैं देश के लिए इसे खेलना चाहता था.मैं विवियन रिचर्ड्स का बहुत बड़ा फैन था और एक बार जब उनसे मिला तो मैंने उनसे कहा था,सर-आप बहुत हट्टे-कट्टे और मजबूत हैं मगर क्या आप फ्लेक्सिबल हैं?तब उन्होंने मुझे कहा-बेटा,क्या तुमने मुझे बॉल को हिट करते नहीं देखा,मैं कितने हार्ड तरीके से उसे मारता हूं?इसके लिए हार्ड वेट ट्रेनिंग करनी पड़ती है ताकि कलाईयां मजबूत हो जाएँ.तब मुझे समझ आया वो सही कह रहे थे.कई बार आप गॉड गिफ्टेड होते हैं जैसे रोहित शर्मा.उनकी बैटिंग टाइमिंग लाजवाब है.मैंने ट्रेनिंग लेने का निश्चय विवियन रिचर्ड्स से मिलने के बाद ही किया था और फिर बॉडी बनाई थी मगर मैं फिर क्रिकेट नहीं खेल पाया.
क्या आपने कभी पैकेज्ड विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स जैसे व्हे प्रोटीन,एल ग्लुटामिन,ब्रांच चेन अमीनोएसिड्स,क्रेएटिन,मसल बिल्डर,टेस्टोस्टोरेन बूस्टर लिए हैं?
आज तक,मुझे ये नहीं पता कि इनका क्या मतलब होता है.मेरे ख्याल से सप्लीमेंट तब लिए जाते हैं जब आपकी बॉडी में किसी चीज की कमी हो.खाने में सबकुछ रहता है.आपकी बॉडी आपको संकेत देती है कि एनर्जी कम है या ज्यादा.कैलेंडर में वो दिन मार्क कीजिये,सोचिए,आपके लिए क्या काम कर रहा है और क्या नहीं.इसका ध्यान रखना बहुत जरुरी है जब आप फिजिकल ट्रेनिंग ले रहे हों.कई सारे लैक्टोज और ग्लूटेन आपके लिए हानिकारक होते हैं.बस सिंपल टेस्ट करके आप खुद जान सकते हैं कि बॉडी के लिए क्या काम नहीं कर रहा है.मेरे लिए मिल्क और ग्लूटेन काम नहीं करता मगर मैं इसके लिए डॉक्टर के पास नहीं भागने लग जाता.मैं इनकी जगह दूध,सोया मिल्क या ब्राउन राइस लेता हूं.मेरे लिए सप्लीमेंट्स मां के हाथ का बना खाना है.वेट गेन केवल प्रोटीन लेना नहीं है.नॉलेज ही सबकुछ है.मिशन फिट इंडियन का मकसद भी यही है.
आप एक बॉलीवुड हीरो हैं और एक इंस्पिरेशन भी...
हर किसी को हीरो की जरुरत है.जब मैं इंडस्ट्री में आया था तो धर्मेन्द्र,विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और अमिताभ बच्चन हीरो हुआ करते थे.इनमें कुछ खासियत थी जिसकी वजह से यह पहचाने जाते थे.धरमजी मसल मैन थे, मिस्टर बच्चन अपने एक्शन और किलर लुक्स की वजह से जाने जाते थे.शत्रुजी की अपनी डायलॉग डिलीवरी थी और विनोद जी के बारे में क्या कहूं,आजतक उनके जैसा स्वैग किसी में नहीं.इन सबका एक अलग एटीट्यूड था.