Web show: हंसमुख
Director: निखिल गोंसाल्वेस
Cast: वीर दास, रणवीर शौरी, मनोज पाहवा, रवि किशन, सुहैल शौरी और रजा मुराद
सिनेमा में ब्लैक कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है जिसे हमेशा सराहना मिली है. मर्डर थ्रिलर के बीच में दर्शकों को हंसाने की कला हर लेखक और निर्देशक में नहीं होती है, लेकिन इस वेबसीरीज में निर्देशक निखिल गोंसाल्वेस ने ये कमाल कर दिखाया. ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेब सीरीज 'हंसमुख' में एक्टर वीर दास अब ऐसी ही एक कॉमेडी थ्रिलर वेब सीरीज में ये कोशिश करते हुए नजर आने वाले हैं. इस वेब सीरीज में वीर ने एक ऐसे स्टैंड अप कॉमेडियन की भूमिका निभाई है जिसके हाथ खून से सने हैं.
यह सीरीज सहारनपुर के एक यंग की जर्नी के बारे में है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कॉमेडियन बनना चाहता है. हांलाकि वह एक शानदार राइटर है, पर उसमें कॉमिक टाइमिंग की कमी है. तो एक तरह से उसकी सबसे बड़ी एंबिशन की कहानी है..जैसे एक एक्टर में किसी भी रोल में सहजता से स्विच करने की काबिलियत होती है वही हंसमुख में है वह ऐसा है जैसे वह एक ही शरीर में दो अलग-अलग लोग हों...वो अपने संरक्षक को साबित करने के लिए एक मिशन पर रहता है....कि वह एक अच्छा कॉमेडियन है...जबकि वह एक महान लेखक हैं, लेकिन उनके पास कॉमिक टाइमिंग की कमी है...और उनके संरक्षक, प्रसिद्ध हास्य कलाकार गुलाटी (मनोज पाहवा), सहारनपुर के इस यंग लड़के को बड़ा ब्रेक देने से इनकार कर देते हैं.
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ऐसे में हंसमुख अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने की कोशिश करता है, वह गुलाटी को मार देता है....लेकिन क्या हंसमुख बुरा है? जबकी हंसमुख को पता है अगर वो गुलाटी को नहीं मारेगा तो उसके आगे के रास्ते बंद हो जाएंगे. फिर उसके स्टैंड अप कॉमेडी शो की शुरुआत होती है...लेकिन अलबेट, जो दुर्घटना से शुरू होता है वह जल्द ही एक आवश्यकता बन जाता है क्योंकि यह उसे खून और सफलता दोनों का स्वाद लेने में मदद करता है. उसका दोस्त जिमी (रणवीर शौरी) हंसमुख के पूर्व संरक्षक गुलाटी के प्रबंधक हैं, जो केवल उनके अंधेरे रहस्य को जानते हैं. वे दोनों हाथ मिलाते हैं और शिकार के लिए जाते हैं ताकि उन्हे मारने के लिए ज्यादा लोग मिल सकें.
जल्द ही, अपने मोजो के साथ मंच पर लगातार हत्याओं के साथ जो वह करता है, वह आखिरकार एक कॉमेडी शो में वाइल्ड कार्ड एंट्री के रूप में एक टेलीविजन चैनल की प्रोग्रामिंग टीम द्वारा रोपे जाने के बाद मुंबई के लिए अपना रास्ता बनाता है...जैसे ही वह बड़े शहर में पहुँचता है, उसके सिर पर उसके अतीत की तलवार लटक जाती है, पर उसे लगता है...कि वह नहीं फसेंगा....
बहरहाल, यह शो ट्विस्ट और टर्न से भरा है, चाहे वह हंसमुख का ऑन-स्टेज कॉम्पिटिटर कॉमेडियन कृष्ण कुमार (एक अनुभवी कॉमेडी शो विजेता) या लंबे समय तक गैंगस्टर जमींदार इंदौरी के साथ उसकी मुठभेड़ या उसकी चाची के साथ प्लॉट के लिए साजिश हो... स्थानीय पुलिस (इनामुलहक) जो उसका प्रशंसक है...वहीं रवि किशन को एक सुस्त मीडिया प्रमुख के रूप में देखना एक खुशी की बात है....लेकिन बात ये है कि क्या हंसमुख वह कॉमेडी शो जीतेगा या उसके कर्मा उसके पास आएंगे..
10 एपिसोड की इस सीरीज में वीर दास के अलावा रणवीर शौरी, मनोज पाहवा, रवि किशन, अमृता बागची, सुहैल शौरी, इनामुलहक, सुहैल नैय्यर और रजा मुराद नजर आयें. नीरज पांडे ने सीरीज को बहुत ही शानदार ढंग से लिखा है. चूंकि यह एक कॉमेडियन के बारे में एक शो है, गैग्स पैची हैं. वीर हर फ्रेम में चमकते है छाप छोड़ते हैं. उन्होंने छोटे शहर की बारीकियों को सही ढंग से पकड़ा है. एक ऐसे दबे हुए चरित्र को निभाना निश्चित रूप से मुश्किल है, जिसके पास जानलेवा इरादे हैं, लेकिन वीर ने ये कर दिखाया है. जिम्मी के रूप में रणवीर को देखना दिलचस्प है. निखिल गोंसाल्वेस का डायरेक्ट बेहद शानदार रहा. उनको पता है कब कैसे दर्शकों के बीच रोमांच पैदा करना है. वाकई ये एक शानदार टीम वर्क है. 'हंसमुख' एम्मे एंटरटेनमेंट और एपलॉड इंटरटेनमेंट ने इसे प्रोड्यूस किया है.
PeepingMoon.com 'Hasmukh' को 3.5 Moons देता हैं.
(Transcripted By: Varsha Dixit)