शो: 'ब्रीद: इन टू द शैडो'
OTT: अमेजन प्राइम वीडियो
कास्ट: अभिषेक बच्चन, नित्या मेनन, अमित साध, सैयामी खेर, ह्रषिकेश जोशी और श्रीकांत वर्मा
डायरेक्टर: मयंक शर्मा
मून्स: 4 मून्स
(यह रिव्यू 12 भाग वाले सीरीज के पहले 4 एपिसोड्स पर आधारित है)
दर्शकों द्वारा खूब पसंद किय गए आर माधवन स्टारर 'ब्रीद' (2018) के बाद, अमेजन प्राइम वीडियो ने साइकोलॉजिकल क्राइम 'ब्रीद: इन टू द शैडो' के साथ अपनी वापसी की है. एक नई कहानी पर आधारित इस सीरीज की डोर प्रीक्वेल और सीक्वल के बीच जुड़ी हुई है. सीरीज में आप देख पाएंगे कि किस तरह से माता पिता अपने बच्चे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
'ब्रीद: इन द शैडो' की खास बात यह भी है कि साउथ स्टार निथ्या मेनन और अभिषेक बच्चन ने एक साथ डिजिटल डेब्यू किया है. वहीं, सीरीज में अमित साध ने पहले सीरीज में निभाई गयी इंस्पेक्टर कबीर सावंत की भूमिका को एक बार फिर इसमें भी दोहराया है.
सीरीज की शुरुआत अभिषेक द्वारा एक युवा लड़की के खिलाफ सबूत देते हुए होती है, जिसपर उसके परिवार के मर्डर का आरोप होता है. अभिषेक को सीरीज में एक बेहद सफल मनोचिकित्सक, डॉ. अविनाश सभरवाल के रूप में पेश किया गया है, जबकि उनकी पत्नी का किरदार निभा रहीं निथ्या शेफ आभा की भूमिका में हैं. उन दोनों की एक बेहद प्यारी छह साल की बेटी सिया होती है. वह दोनों की जान होती है, सिर्फ इसलिए नहीं कि वह इकलौती है, बल्कि इस वजह से की वह डायबिटिक होती है.
इस सीरीज में अभिषेक और नित्या पहली बार एक साथ स्क्रीन शेयर करते नजर आ रहे हैं, हालांकि दोनों की जोड़ी एक साथ कमाल की लग रही है. सीरीज की शुरुआत में सब कुछ सामान्य और खुशहाल नजर आता है, लेकिन कुछ पल बाद परिवार की जिंदगी में दुख का आगमन होता है और इस तरह से असल कहानी की शुरआत होती है.
दरअसल होता यूं है कि सिया जो अविनाश और आभा की इकलौती बेटी होती है उसे एक नकाबपोश इंसान बेहद ही रहस्यमय तरीके से किडनैप कर लेता है. यह कहानी इस तरह से हताश माता पिता की है जो किसी भी हाल में अपने बच्चे को वापस पाना चाहते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए किसी का खून ही क्यों ना करना पड़े. जी हां, फिरौती के रूप में किडनैपर की यहीं मांग होती है और इस तरह से सीरीज बेहद खतरनाक और दिलचस्प मोड़ लेती है.
सीरीज में इस तरह से अविनाश, आभा और किडनैपर के बीच में चूहे-बिल्ली के खेल की शुरुआत होती है. वहीं, इंस्पेक्टर कबीर जो दिल्ली क्राइम ब्रांच से निकलकर आगे बढ़ना चाहता है, उसने मुंबई ट्रांसफर की मांग की होती है. लेकिन इसी बीच उसे बच्ची की इन्वेस्टिगेशन की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है.
'ब्रीद: इन द शैडो' में किये गए 7 मर्डर को देख आपको ब्रैड पिट, मॉर्गन फ्रीमैन और गिएनेथ पाल्ट्रो स्टारर हॉलीवुड फिल्म 'सेवन' की याद दिलाएगी. हालांकि, इस सीरीज में किलर अपनी बात मनवाने वाला कोई पागल मनोरोगी नहीं है, बल्कि वह किसी दो लोगों का इस काम को करवाने के लिए इस्तेमाल करता है. किलर अविनाश को अपने दिमाग के खेल के मुताबिक, अपनी उंगलियों पर नचाता रहता है और साथ ही अविनाश के मेडिकल ज्ञान का फायदा उठाता है.
बात करें एक्टिंग की तो, अभिषेक बच्चन ने अविनाश के किरदार में जान भूंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. सीरीज में एक इमोशनल, निराश और परेशान पिता का किरदार उनके अलावा शायद ही इतनी गहराई से निभा सकता है, जिसकी झलक आप सीरीज के हर एक सीन में देख और महसूस कर सकते हैं.अपने ओटीटी डेब्यू में, अभिषेक ने एक पिता के रूप में एक विश्वसनीय काम किया है, जिसे अपनी पत्नी का समर्थन करना है और साथ ही अपनी बेटी को जिन्दा रखने की हर मुमकिन कोशिश करनी है.
नित्या ने भी सीरीज में शानदार तरीके से मां की भूमिका निभाई है. वहीं, अमित जीवन की नई शुरुआत करने की ख्वाहिश रखने वाले एक ब्रिलिएंट कॉप के किरदार में बहुत प्रभावशाली नजर आ रहे हैं.
भवानी अय्यर, विक्रम तुली, अरशद सैयद और डायरेक्टर मयंक शर्मा द्वारा लिखी गयी यह सीरीज, शानदार थ्रिलर से भरपूर है जिसमे देखने समय आप शायद अपने पलके भी न झपकाना चाहेंगे. एस भारद्वाज की सिनेमैटोग्राफी प्रशंसनीय है. वहीं, सुमीत कोटियन द्वारा की गयी एडिटिंग आकर्षक और स्पष्ट है. सीरीज में करण कुलकर्णी और देबर्पितो साहा द्वारा दिया गया म्यूजिक भी इसे एक दूसरे स्तर पर लेकर जाता है.
'पाताल लोक' के बाद, 'ब्रीद: इन टू द शैडो' अमेजन प्राइम वीडियो की एक और थ्रिलर सीरीज है, जिसे देख यह कहना गलत नहीं होगा कि स्ट्रीमिंग जाइंट अपने दर्शकों के लिए शानदार कहानी दिखाने का एक अलग स्तर बना रहा है.
PeepingMoon.com 'ब्रीद: इन टू द शैडो' को 4 मून्स देता है.
(Transcripted By: Nutan Singh)