By  
on  

Mirzapur 2 Review: पंकज त्रिपाठी, अली फजल और दिव्येंदु की सीरीज ने दिखाई क्राइम की दुनिया की हकीकत, खून से लथपथ बंदूकों से लिखी गयी बदले की कहानी

वेब सीरीज: मिर्जापुर 2
कास्ट: पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, रसिका दुग्गल, हर्षिता गौर, विजय वर्मा, प्रियांशु पुल्ली, ईशा तलवार, अमित सियाल, अंजुम शर्मा, शीबा चड्ढा, राजेश तैलंग, शाजी चौधरी, मेघना मलिक, लिलिपुट, कुलभूषण खरबंदा, प्रमोद पाठक, पारितोष सैंड, आशिफ खान
डायरेक्टर:  गुरमीत सिंह और मिहिर देसाई
प्रोडक्शन हाउस: एक्सेल एंटरटेनमेंट
ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो
रेटिंग: 3.5 मून्स 

                                                                        भौकाल मचा दिया
साल 2018 में 'मिर्जापुर' के पहले सीजन में अली फज़ल, विक्रांत मैसी, पंकज त्रिपाठी और दिव्येंदु शर्मा ने बंदूक, पावर और सत्ता की एक कहानी बताने के लिए साथ आए थे, तब सीरीज ने ओटीटी के दर्शकों को दिवाना बना दिया था. समाज की बुराइयों को उजागर करने वाली एक असहज कर देने वाली कहानी बयां करने के दो साल बाद, मेकर्स ने इस कहानी को क्राइम ड्रामा के साथ राजनीति की साजिशो में बदल दिया है. कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए इस बार कुछ नए सितारों को भी सीजन 2 से जोड़ा गया है.  पिछले सीजन की तरह इस बार भी कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) का भौकाल बरकरार नजर आया.

'मिर्जापुर 2' में पहले सीजन के आगे की कहानी को दिखाया गया है. पहले सीजन के लास्ट एपिसोड में मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा), बबलू पंडित (विक्रांत मैसी) और स्वीटी (श्रिया पिलगांवकर) का मार देता है. लेकिन गुड्डू पंडित (अली फजल) और स्वीटी की छोटी बहन गोलू (श्वेता त्रिपाठी) बच जाते हैं. इसके बाद अब बदला लेने और मिर्जापुर पर राज करने की कहानी शुरू होती है. गुड्डू पंडित भाई और अपनी पत्नी की मौत का बदला, मुन्ना व उसके पिता कालीन भैया से लेना चाहता है और इस काम में साथ देती है गोलू और गुड्डू पंडित की बहन डिम्पी पंडित.

Recommended Read: Ginny Weds Sunny Review: विक्रांत मैसी और यामी गौतम की केमिस्ट्री लगी शानदार, दिल को छू लेने के साथ एंटरटेनिंग है कहानी


दूसरी ओर, मुन्ना का मानना​​ है कि वह 'अमर' है. मुन्ना का व्यवहार कालीन भैया को बेहद परेशान करता है. वहीं मुन्ना कलीना भैया को विश्वास दिलाता है कि वे खुद बंदूकों और अफीम के बिजनेस को संभालने के काबिल हैं. वहीं दूसरी और वो गुड्डू के लिए अपनी खोज जारी रखता है. अपने पिता और उनके सख्त निर्देशों को तोड़ मुन्ना खुद को आज़ाद करना चाहता है और मिर्ज़ापुर के राजा के रूप में गद्दी संभालना चाहता है.

इस बार कहानी मिर्जापुर से निकलकर लखनऊ तक जा पहुंचती है. गुड्डू पंडित के बदलने की आग और मुन्ना का गद्दी से जुड़ा लालच पूरी सीरीज में स्वाद जमाए रहता है. अपने कट्टा (बंदूकों) और अफीम के बिजनेस को बढ़ाने के लिए कालिन भैया मुन्ना से शरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) से दोस्ती करने के लिए कहते है. शरद कालिन भैया के दोस्त और बाद में दुश्मन बने रति शंकर पांडे का बेटा है.  जिसकी पिछले सीज़न में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

जौनपुर का डॉन शरद का एकमात्र उद्देश्य अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करने का है.  शरद सिर्फ और सिर्फ मिर्जापुर को जीतना चाहता है. इसमें शरद का साथ देती है उसकी मां शकुंतला शुक्ला (मेघना मलिक). त्रिपाठियो से उलट शरद बंदूकों और वायलेंस नहीं अपने दिमाग और बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करने में विश्वास रखता है. जबकि मिर्जापुर के शैतानी दिमाग वाली पावरफुर पिता-पुत्र की दुनिया सेक्स, भ्रष्टाचार और सत्ता से जुड़ी है. शरद बिहार के 'बड़े आदमी' दद्दा त्यागी के रिलेटिव रॉबिन (विजय वर्मा) के साथ गठजोड़ करता हैं. लखनऊ में इन्वेस्टमेंट का बिजनेस चलाने वाला रॉबिन  और शरद ने सीरीज को और रोचक बना दिया है. कहानी बढ़ने के साथ-साथ इन किरदारों की अहमियत समझ आती. 

वहीं दूसरी और त्रिपाठी परिवार में, बिना (रसिका दुगल) अभी भी अपने ससुर सत्येंद्र त्रिपाठी (कुलभूषण खरबंदा) के द्वारा शोषित करने से सदमें है. इससे उसके दिल में काफी आघात पहुंचा है. बिना मुन्ना के बाद त्रिपाठी खानदान के एक और वारिस की उम्मीद कर रही है. 

'मिर्ज़ापुर 2' के मेकर्स ने राजनीति और राजनीतिक रैलियों के डार्क साइड को सामने रखा है. चूंकि यह शो बिहार और उसके आसपास के बैकड्रॉप पर सेट है तो इस चुनावी लहर के बीच सीरीज को रिलीज करना मेकर्स का एक स्मार्ट मूव है. ‘मिर्जापुर’ के सीजन 1 से दूसरा सीजन बिल्कुल अलग है. इस बार बदले की कहानी है. इस सीजन में कट्टा, तमंचा, गोला, बारूद सब पहले से ज्यादा है, जो सीरीज को और जबरदस्त बनाता है. वहीं पर  इस बार, परेशान करने वाले सीन्स कम है. मिर्जापुर की महिलाएं इस बार पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत और बोल्ड हैं. गोलू ने किताबों की जगह बंदूकों ने ली है. बिना अपने साथ बुरा करने वालो के खिलाफ खड़ी होती है और डिम्पी ने भाई के साथ मोर्चा सम्भाला हुआ है. ये वास्तव में पुरुषों से बेहतर हैं. 


डायरेक्टर गुरमीत सिंह और मिहिर देसाई निस्संदेह अपने एक्टर्स का बेस्ट लाते हैं. इस बार भी वह दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब हुए हैं. नो डाउट सबसे शानदार पंकज, अली और दिव्येंदु लगे है. राजनीति, बदला और अन्याय हो, ये सभी 10 एपिसोड में पूरी तरह फिट हैं. हालांकि, कहानी एक सीधी रेखा में नहीं खींची गई है, कहीं कहीं कहानी थोड़ी सी ट्रैक से बाहर आ जाती है. लेकिन हां सीरीज के कैरेक्टर्स ने इस कहानी को मजबूती से पकड़ा हुआ हैं. सबके हिस्से अपना एक स्पेस है. सीजन में नई चेहरे ईशा तलवार, मेघना मलिक और लिलिपुट का काम अच्छा हैं. 

लेखक पुनीत कृष्ण और विनीत कृष्णा राजनीतिक व्यवस्था और विश्वासघाती राजनेताओं पर एक अच्छा कटाक्ष करते हैं. कुल मिलाकर सीरीज के डायलॉग्स में मिर्जापुर की झलक दिखती है.  लेकिन हां, सीरीज के बाद वाले हिस्से की कहानी और मजबूत हो सकती थी. 

सीरीज में कालीन भैया यानी अपने पंकज त्रिपाठी का दमदार अंदाज फैंस के दिमाग पर छाने वाला है. कालेन भैया के रूप में उनकी बोलती आँखें और परिपक्वता यह समझने के लिए काफी है कि वह एक शानदार एक्टर हैं. मासूम सी गोलू यानी श्वेता त्रिपाठी के दिल में बदले की आग जल रही है. सीरीज में गोलू का किरदार इस बार ज्यादा गहरा है और देखना है कि किस तरह वो अपने बदले को पूरा करती है. और अब मिर्जापुर की गद्दी पर कौन बैठता है, यह जानने के लिए आपको वेब सीरीज देखनी पडे़गी. दिव्येंदु मुन्ना के रूप में चमकते हैं. वह एक अति आत्मविश्वास और बिगड़ी हुए बव्वा के रूप में जान फूंक देते है.

अली को गुड्डू के रूप में उनके एक्शन से भरपूर प्रदर्शन के साथ युवा आइकन कहा जा सकता है. अली ने इमोशनल के साथ-साथ गहन सीन्स को शानदार बनादिया. हर्षिता और रसिका ने भी सरप्राइज किया है. फ़ोटोग्राफ़ी के डायरेक्टर संजय कपूर बंजर ज़मीनों, भव्य हवेली, और हवाई सीन्स को खूबसूरती से कैद किया हैं. सत्ता और बदले की भावना में कौन कितनी दूर तक जाता है ये आपको सीरीज देखकत ही पता लगेगा. इस बार भी वह दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब हुए हैं. सीरीज का पहला एक एपिसोड खत्म होने के बाद आपको इसका दूसरा एपिसोड देखने पर मजबूर कर देगा.

                                          पीपिंगमून मिर्जापुर 2 को देता है 3.5 मून्स

Recommended

PeepingMoon Exclusive