फिल्म: छलांग
OTT: अमेज़न प्राइम वीडियो
कास्ट: राजकुमार राव, नुसरत भरूचा और जीशान अय्यूब
निर्देशक: हंसल मेहता
अवधि: 2 घंटे 15 मिनट
रेटिंग: 3 मून्स
बॉलीवुड में स्पोर्ट-ड्रामा पर फिल्म बनाना कोई नया आईडिया नहीं है. ऐसे में इस शैली से संबंधित अन्य सुपरहिट फिल्मों की तुलना में अगर किसी को अपनी जगह बनानी है तो उसे अपने खेल को प्रभावशाली बनाने की जरुरत पड़ेगी. भले ही मेकर्स द्वारा दर्शकों के सामने पेश की गयी यह नई बोतल है, लेकिन इसमें मौजूद शराब पुरानी है. राजकुमार राव, नुसरत भरुचा और जीशान अय्यूब स्टारर 'छलांग' मजेदार होने के साथ एक पीटी मास्टर की प्रेरणादायक यात्रा है, जो उत्तरी भारत में एक अर्ध-सरकारी वित्त पोषित स्कूल में काम करता है.
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2 घंटे 15 मिनट की यह फिल्म हरियाणा में बेस्ड है, जिसकी कहानी मोंटू (राजकुमार राव) के जीवन के चारों ओर घूमती है, जो एक टिपिकल पीटी टीचर होता है, जिसके लिए उसकी नौकरी औपचारिकता के अलावा कुछ नहीं होती है. मोंटू अपने करियर के लिए बिना किसी जुनून के अपने जीवन का नेतृत्व करता है और जल्द ही नीलू (नुसरत भरूचा) से मिलता है, जो एक कंप्यूटर टीचर के रूप में स्कूल में शामिल होती हैं. मोंटू को नीलू से प्यार हो जाता है, हालांकि, जब वह एक पढ़े-लिखे खिलाड़ी इंदर सिंह (जीशान अय्यूब) का पीटी असिस्टेंट बना दिया जाता है, तो चीजें प्लान से अलग होने लगती है.
ऐसे में एक समय ऐसा भी आता है, जब हालात की वजह से मोंटू सब कुछ दांव पर लगा देता है, यहां तक कि नीलू और अपनी नौकरी भी. दरअसल, ऐसा करने के लिए उसे मजबूर किया जाता है, जो उसने पहले कभी नहीं किया था. इसके बाद की कहानी यह दिखाती है कि कैसे अपने काम में दिलचस्पी ना रखने वाला पीटी टीचर एक प्रेरक खिलाड़ी में बदल जाता है. छलांग छात्रों के जीवन में खेल के महत्व का सम्मान करता है और किसी को भी कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो यह सिखाता है. यह दिखाता है कि परिवार और दोस्तों के सही समर्थन से कोई भी नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है. यह एक टिंट ऑफ ह्यूमर के साथ आशा और सम्मान की रोशनी दिखाने वाली फिल्म है.
फिल्ममेकर हंसल ने भी फिल्म की कहानी को गर्मजोशी और इमोशंस के साथ दर्शकों के सामने पेश किया है. लेकिन फिल्म में इसके साथ रोमांस और मेलोड्रामा भी है, जो बहुत जरुरी नहीं है. भले ही फिल्म की स्क्रिप्ट प्रभावशाली और मजबूत है, लेकिन इसकी गति निराशाजनक है. क्लाइमेक्स से ज्यादा उम्मीद बनी रहती है, लेकिन आखिरी परिणाम फिल्म को सुस्त बना देता है.
मोंटू के रूप में राजकुमार राव और सिंह के रूप में जीशान अय्यूब फिल्म को काफी आत्मविश्वास के साथ अपने कंधों पर लेकर चले हैं. जहां राजकुमार अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ ज्यादा स्क्रीन स्पेस लेते हैं, वहीं जीशान उनकी तुलना में कम स्पेस के साथ प्रभावित हैं. हालांकि, नुसरत भरुचा की नीलू के पास कुछ भी नहीं है. उनकी बोली सुनने में असहज है और एक्टिंग में भी वह न्याय करने में असफल हैं. लेकिन छलांग की सपोर्टिंग कास्ट ने शानदार काम किया है. इसका पूरा श्रेय कास्टिंग डायरेक्टर विकी सिदाना को जाता है, जिन्होंने सौरभ शुक्ला, सतीश कौशिक, इला अरुण और जतिन सरना जैसे प्रशंसित एक्टर्स को कास्ट किया.
हंसल मेहता का निर्देश संतोषजनक है और फिल्म के संवाद सशक्त और विनोदपूर्ण हैं. लव रंजन, असीम अरोड़ा और ज़ीशान चतुरी का लेखन कुछ हटकर नहीं है लेकिन स्टोरीलाइन अच्छी है. हितेश सोनिक गुरु रंधावा-वी, यो यो हनी सिंह और विशाल-शेखर द्वारा संगीत सही राग को छूते हैं. सिनेमैटोग्राफर एशित नारायण ने हरियाणा को बेहतरीन तरीके से फिल्माया है और खेल को उसी तरह से दिखाया है, जैसा माना जाता है. अकीव अली और चेतन सोलंकी की एडिटिंग अच्छी है.
PeepingMoon छलांग को 3 मूंस देता है!