By  
on  

Ram Prasad Ki Tehrvi Review: सीमा पहवा की डायरेक्टोरियल डेब्यू शानदार कास्ट के साथ दर्शाती है पारिवारिक नोकझोक की झलक

फ़िल्म: राम प्रसाद की तेहरवीं

कास्ट: नसीरुद्दीन शाह, मनोज पाहवा, विनय पाठक, परमब्रत चट्टोपाध्याय, कोंकणा सेन शर्मा, विक्रांत मैसी, दीपिका अमीन, सुप्रिया पाठक

निर्देशक: सीमा पाहवा

रेटिंग: 3 मून्स

सीमा पाहवा, जिन्होंने हमें अपने आकर्षण और एक्टिंग स्किल के साथ कई हालिया फैमिली ड्रामा में काम किया है, ने इस फिल्म के साथ निर्देशक की कुर्सी को संभाला है. अपने निर्देशन की शुरुआत करते हुए वह कई शानदार एक्टर्स, जैसे नसीरुद्दीन शाह, सुप्रिया पाठक, विनय पाठक, कोंकणा सेन शर्मा, परमब्रत चट्टोपाध्याय, विक्रांत मैसी, मनोज पाहवा, दीपिका अमीन और अन्य को निर्देशित कर रही हैं.

कहानी राम प्रसाद भार्गव (नसीरुद्दीन शाह) के निधन के साथ शुरू होती है, जिसके बाद उनके बड़े परिवार को उनके पुस्तैनी लखनऊ वाले घर पर निधन इ 13 वें दिन (तेहरवी) को एकत्र होने के लिए प्रेरित करता है. परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे से मिलने की खुशी कुछ पुरानी यादों की वजह से नहीं होती, जबकि सभी को शिकायतें होती हैं. फिल्म में एक ठेठ उत्तर भारतीय संयुक्त परिवार को दिखाया गया है. जहां बेटे, उनकी पत्नियां, बच्चे और विविध रिश्तेदार समारोह खत्म होने के बाद अपने-अपने रस्ते जाने तक एक दूसरे से लड़ते झगड़ते रहते हैं.

(यह भी पढ़ें: Nail Polish review: एक पेचीदा क्राइम -लीगल थ्रिलर है अर्जुन रामपाल और मानव कौल की फिल्म)

सुप्रिया पाठक गमगीन पत्नी और परिवार की मां का किरदार निभाती हैं, जिन्हें अक्सर लोग पूछते हैं कि "कैसे हुआ ?" वह अपने बुढ़ापे के तरफ है और इस उम्र में वह अपने बच्चों-दो बेटों और दो बेटियों से अलग महसूस करती है. तीन बड़े बेटों (मनोज पाहवा, विनय पाठक, निनाद कामत) बचपन के दौरान की गई उपेक्षा को याद करते हैं. हालांकि, मामला तब और बिगड़ता है, जब उन्हें पता चलता है कि उनके हाल ही में मृत पिता ने उन्हें चुकाने के लिए एक बड़ा लोन अपने पीछे छोड़ा है.

उनकी पत्नियों (दीपिका अमीन, दिव्या जगदाले, सादिया सिद्दीकी) के पास खुद के एजेंडे हैं और अपनी खुद की जीत दर्ज करती रहती हैं, जिसमें वे कोंकणा सेन शर्मा द्वारा निभाई गई चौथी बहू को फिल्म एक्ट्रेस बनने के सपने के लिए निशाना बनाती हैं. वह विक्रांत मैसी द्वारा निभाए गए अपने भतीजे के लिए अपने सॉफ्ट कॉर्नर के साथ कुछ भी नहीं छिपाने में विश्वास करती हैं. परमब्रत चट्टोपाध्याय चौथे बेटे की भूमिका निभाते हैं जिसका नाम पिता के नाम पर रखा होता है, इसी तरह से वह सबसे अधिक जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं. जबकि दो बहनें (अनुभा फतेहपुरिया और सारिका सिंह) अहं के साथ एक दूसरे के सामने कदम बढ़ाने के आदी होती हैं.

पाहवा का फैमिली ड्रामा फैमिली पॉलिटिक्स पर एक नरम लेकिन तीखा कदम है. फिल्म में आप देख सकते हैं कि कैसे खून के रिश्ते सिर्फ नाम के एक समय के बाद रह जाते हैं. फिल्म मन में सवाल उठाती है कि आखिर शहर में बड़े घर का क्या होगा, जिसे सभी ने छोड़ दिया है और कौन मां की देखभाल करेगा.  

लेखन और सभी टैलेंटेड एक्टर द्वारा किया गया प्रदर्शन बेहद शानदार है. हालांकि, कुछ जगहों पर पाहवा राइटिंग डिपार्टमेंट में पीछे छुटटी नजर आ रही हैं, क्योंकि फैमिली ड्रामा देखने में धीमा हो जाता है. एक शानदार कास्ट होने के बावजूद, राम प्रसाद की तेहरवी एक औसत फैमिली एंटरटेनर बन जाता है.

PeepingMoon.com  राम प्रसाद की तेहरवीं को देता है 3 मूंस.

Recommended

PeepingMoon Exclusive