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The Married Woman Review: रिद्धि डोगरा-मोनिका डोगरा ने परिचित वैवाहिक संकट पर आधारित कहानी में की है शानदार एक्टिंग

वेब सीरीज: द मैरिड वुमन

कास्ट: रिद्धि डोगरा, मोनिका डोगरा, सुहास आहूजा, इमाद शाह

निर्देशक: साहिर रज़ा

OTT: AltBalaji / ZEE5

रेटिंग: 3 मून्स

हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज में बहुत कम ही महिला केंद्रित कहानियों को देखने मिलता है. एकता कपूर की नई वेब सीरीज 'द मैरिड वुमन' एक जिंदगी से ऊब चुकी घरेलू महिला की कहानी है, जो घरेलू और रोजमर्रा किए जाने वाले कामों के बीच खुद को खो चुकी है. हालांकि वह अपना कदम आगे बढ़ाती है और अपनी सेक्सुअलिटी के बारे में जानने के साथ, किसी के प्यार में पड़ जाती है. एकता कपूर और समर खान द्वारा प्रोड्यूस्ड यह वेब सीरीज मंजू कपूर की बेस्ट सेलिंग नोवल ए मैरिड वुमन पर आधारित है. इस शो में रिद्धि डोगरा, मोनिका डोगरा, इमाद शाह और सुहास आहूजा लीड रोल्स में हैं.

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आस्था ( रिद्धि डोगरा) एक मध्यम आयु वर्ग की घरेलू महिला है, जो अपने पति हेमंत (सुहास आहूजा) से प्यार क्या ध्यान नहीं महसूस करती है. चीजों को बदतर बनाने के लिए, बाबरी मस्जिद विध्वंस के मद्देनजर समाज में बढ़ते हिंदू-मुस्लिम तनाव के साथ घर पर जिम्मेदारियों और आकस्मिक पितृसत्ता द्वारा उसके अस्तित्व को मार डाला जाता है. एजाज खान (इमाद शाह) की उसके जीवन में एंट्री होती है, जो एक खुले विचार वाला उत्साही निर्देशक होता है, जो उसी कॉलेज के प्ले को डायरेक्ट करने का काम करता है, जिसमे आस्था पढ़ाती रहती है. दोनों के रस्ते टकराते हैं, क्योंकि आस्था का रोमियो और जूलियट का प्रतिपादन, एजाज निर्देशित कर रहा होता है. हालांकि वह स्क्रिप्ट से खुश नहीं होता है, वह आस्था को प्ले में उन सीमाओं को तोड़ने के लिए बढ़ावा देता है, और उस तरह से वह समाज द्वारा लगाए गए बंधनों से मुक्त हो जाती है.

दोनों के बीच आकर्षण म्यूच्यूअल है, हालांकि, ऐजाज की तरफ से यह ज्यादा आदर्शवादी होता है. आस्था उसकी तरफ खुद खींची चली जाती है. ऐजाज में वह सब कुछ है जो आस्था के पति में नहीं है, जैसे मजाकिया, भावुक, समर्पित, सहानुभूतिपूर्ण और एक बुद्धिजीवी होने की बात. ऐजाज की आजाद ख्याति प्राप्त बोहेमियन कलाकार पत्नी पीपलिका (मोनिका डोगरा) उस आकर्षण को दूर करती है, जो ऐजाज ने आस्था में पैदा की होती है और बाद में उसपर सामान्य दर्जे के जीवन को बिखेरने का आरोप लगाती है. चीजे बदलती हैं जब ऐजाज आस्था की भावनाओं के बदले उसे वैसा नहीं दे पाता, लेकिन हालात ऐसे बनते हैं कि आस्था और उसकी पत्नी की नजदीकियां बढ़ जाती हैं.

शो में मौजूद सभी एक्टर्स ने शानदार एक्टिंग की है. मोनिका कामुकता और अंतर्दृष्टि की गहराई है, जबकि रिद्धि सामाजिक निर्माणों द्वारा बंधी एक महिला के संघर्षों को अच्छी तरह से दर्शाती हैं. इमाद ने एक खुली सोच रखने वाले शख्स के किरदार को बड़ी अच्छी तरह से निभाया है, जो धर्म, विभाजन या सीमाओं में विश्वास नहीं करता है. सुहास एक विशिष्ट पितृसत्तात्मक व्यक्ति के किरदार को करने के लिए उल्लेख के भी हकदार हैं. स्टार कास्ट की एक्टिंग द मैरिड वुमन के स्क्रीनप्ले, निर्देशन और एडिटिंग को नई ऊंचाई दिलाता है.

हालांकि, द मैरिड वुमन एक गहरा प्रभाव पैदा करने में विफल रही है और यह न तो रहस्योद्घाटन और न ही एक उल्लेखनीय सीरीज के रूप में सामने आती है.निर्देशक साहिर रज़ा की व्याख्याएं और सांप्रदायिक तनाव, लव जिहाद और समलैंगिकता पर एक साथ रोशनी डालना किसी मुकदमेबाज़ी की तरह लगती है. द मैरिड वुमन महत्वाकांक्षी है, लेकिन अपने लिए एक सफल रास्ता बनाने में असफल रही है. जॉन विल्मोर का कैमरावॉर्क शानदार है, लेकिन इसकी एडिटिंग थोड़ी और क्रिस्प हो सकती थी. द मैरिड वुमन को बनाने पर सवाल उठाया जा सकता है लेकिन एक प्रसिद्ध लेखक के शानदार काम पर बनी सीरीज को एक्टर्स ने अपनी एक्टिंग के दम पर शानदार तरीके से संभाला है. इमाद और सुहास के साथ रिद्धि और मोनिका ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है और सीरीज को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए देखा जाना चाहिए. 

PeepingMoon.com द मैरिड वुमन को देता है 3 Moons

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