वेब शो: कुबूल है 2.0
कास्ट: करन सिंह ग्रोवर, सुरभि ज्योति, आरिफ ज़कारिया, मंदिरा बेदी, गुरप्रीत बेदी, कविता घई , सौरभ राज जैन और लिलिपुट दूबे,
डायरेक्टर: अंकुश मोहला और ग्लेन बैरेटो
ओटीटी: जी 5
रेटिंग: 3 मून्स
'अल्लाह मिया ! वॉस्ट रॉंग विथ यू मिस्टर खान ?' ये डायलॉग सुनते ही आपको एक दम से सुरभि ज्योति और करण सिंह ग्रोवर के टेलीविजन शो 'क़ुबूल है' की याद आ जाएगी. शो के लास्टर एपिसोड के टेलिकास्ट होने के 5 सालों बाद, ZEE5 ने फैंस को ट्रीट देते हुए शो का डिजिटल सीक्वल 'कुबूल है 2.0' रिलीज कर दिया है. सुरभि यानी ज़ोया फारुकी और करण यानी असद अहमद खान स्टारर क़ुबूल है 2.0 आपको एक क्रॉस-बॉर्डर ट्विस्ट के साथ बहुत ही कॉम्प्लेक्स लव स्टारी दिखाता है. शो बेलग्रेड, सर्बिया से शुरू होता है. ज़ोया एक बॉडी-बिल्डर, बेहद ही अमीर और पावरफुल आदमी सलमान से शादी कर रही होती है. हालाँकि, जोया इस 'निकाह' के खिलाफ है. ज़ोया की फैमिली बहुत अच्छी नहीं होती है. वह इस्लामाबाद में अपने पिता की खोज में है.
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जोया अपनी फोर्सफुली शादी और अपने पिता के साथ पुनर्मिलन के बीच फसी होती है. लेकिन उसकी च्वाइस स्पष्ट है. वहीं इसी दौरान जोया भारत के बेहतरीन और सबसे चर्चित शार्पशूटर असद से टकराती है. असद खुद को लाइमलाइट से दूर रखना पसंद करता है, क्यों? इसका उत्तर दिया जानना अभी बाकी है. वहीं सलमान के गुंडे ज़ोया का पीछा कर रहे होते हैं, असद उसका एकमात्र सुरक्षा कवच है. वहीं असद जोया का साथ देता है.
लेकिन ज़ोया की इस्लामाबाद की जर्नी इतनी आसान नहीं है जितनी दिख रही है. दूसरी ओर, भारत की सुरक्षा बल की एक अधिकारी दामिनी, ज़ोया और असद पर कड़ी नज़र रख रही है. क्या असद और ज़ोया कुछ रहस्य छिपा रहे हैं? क्या भारत-पाकिस्तान के टकराव के बीच उनका प्यार कभी खिल सकेगा? इसके लिए आपको ये शो देखना होगा.
क़ुबूल है 2.0 के पहले 5 एपिसोड में, डायरेक्टर ग्लेन बैरेटो और अंकुश मोहला ने नींव मजबूत की है. ये ऑडियंस के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है. इसमे हर स्वाद है. रोमांस से लेकर बैंटर, एक्शन से लेकर थ्रिलर, क़ुबूल है 2.0 एक प्रोपर मसाला एंटरटेनर कॉन्सेप्ट है.
'क़ुबूल है 2.0' की सबसे बड़ी खूबसूरती करण और सुरभी है. वे आसानी से ज़ोया और असद में बदल जाते हैं. 'गो' शब्द से ही, सुरभि ज़ोया के चरित्र में ढल जाती है और हर फ्रेम में परफेक्ट लगती है. वह जिज्ञासु, मज़ेदार, चिड़चिड़ी और सभी चीजें पसंद करने वाली होती हैं. वह ज़ोया की सामर्थ्य, ग्रेस और कमजोरियों के बीच सही संतुलन बनाती है.
करण अपनी आंखों, फेस और बॉडी लैंग्वेज से कमाल करते है. जब जोया लगातार बोलती है तो करण के एक्प्रेशन्स बहुत शानदार होते है. असद बहुत कम बोलने वाला किरदार है. अपने आकर्षक और गूढ़ व्यक्तित्व के कारण वो परफेक्ट लगते है. उनके कैरेक्टर पर विश्वास होता है. करण ने असद को बहुत अच्छे से कैरी किया है. वह उन रहस्य बुक्स की तरह है जिन्हें हम सभी खोलना और डिकोड करना चाहते हैं.
सुरभि और करण ने क़ुबूल है 2.0 में ताजगी से भरी और अपनी क्यूट सी केमिस्ट्री से कहानी से ऑडियंस को जोडे रखा. इस जोड़ी ने दर्शकों को निराश नहीं किया.
मृणाल अभिज्ञान झा की कहानी और स्क्रिप्ट आपको पूरे एपिसोड में बांधे रखती है. हालाँकि, शो से जितनी ज्यादा उम्मीद से शो वहां तक नहीं पहुंच पाता है. स्लाविया इवानोविक द्वारा कुछ बेहतरीन स्टंट सीन है पर थ्रिलर और रोमांच की कमी दिखती है. स्टंट की बात करें तो सुरभि और करण द्वारा किए गए मिड एयर कॉमबेट के सीन्स जरूर मेंशन करने लायक है. लेकिन हां, फिर से, बेहतर बैकग्राउंड म्यूजिक का जादू दिखा है.
फोटोग्राफर रमानी रंजन दास के निर्देशक ने बेलग्रेड को खूबसूरती से कैद किया है. पुरानी दुनिया का आकर्षण स्क्रीन पर अच्छी तरह से ट्रान्सलेट किया है. एडिटर अश्मिथ कुंदर एडिट टेबल पर अच्छा काम करते हैं और एक अच्छी सीरीज को दिखाते है. राहुल पटेल के डायलॉग आपको नॉस्टेलजिक बनाने के लिए काफी हैं.
संक्षेप में, कुबूल है 2.0 बहुत ही एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी और अनोखा नहीं है, लेकिन हां वीक एंड में यह निश्चित रूप से देखने लायक है, सुरभि और करण पर भरोसा रखें, क्योंकि ये दोनों फिर से सबको इम्प्रेस करते है.
PeepingMoon 'Qubool Hai 2.0' को 3 मून्स देता है.