फिल्म: मिमि
कास्ट: कृति सेनन, पंकज त्रिपाठी, एवलिन एडवर्ड्स, साई तम्हंकर, एडन व्हाईटॉक, सुप्रिया पाठक, मनोज पाहवा
निर्देशक: लक्ष्मण उटेका
अवधि: 2 घंटा 12 मिनट
स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म: जियो सिनेमा और नेटफ्लिक्स
रेटिंग: 3.5 मून्स
भानु प्रताप ( पंकज त्रिपाठी) को एक अमेरिकन कपल जॉन (एडन व्हाईटॉक) और समर (एवलिन एडवर्ड्स) बताते हैं कि वह भारत में एक सुंदर सरोगेट मदर की तलाश में आये हैं. भानु प्रताप वह समझाते हैं कि 'बच्चा हमारा, पेट उसका', जिसके बाद ड्राइवर को 5 लाख रुपए देने की बात कहकर वह सरोगेट मदर ढूंढने की जिम्मेदारी दे देते हैं.
जबकि जॉन और समर भानु की पहली पसंद को रिजेक्ट कर देते हैं, उन्हें मिमि (कृति सेनन) अपने डांस परफॉरमेंस के समय मन को भा जाती है. राजस्थान की रहने वाली मिमि परम सुंदरी है जो बॉलीवुड में एक्ट्रेस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए पैसा कमाना चाहती है.
भानु वह बिचौलिया बना है जो, मिमि को जॉन और समर के बच्चे की सरोगेट मां बनने के लिए जैसे तैसे राजी कर लेता है. भानु मिमि को बताता है कि अमेरिकन कपल उसे अपने बच्चे को गर्भ में रखने के लिए 20 लाख रूपये की मोटी रकम देने के लिए तैयार है. ऐसे में अपने सितारों से सजे सपने को पूरा करने के लिए पैसों की लालच में मिमि उनका यह ऑफर बिना सोचे समझे स्वीकार कर लेती है.
इस तरह से मिमि की यात्रा अब एक लोकल डांसर जो कि एक एक्ट्रेस बनना चाहती है से मां बनने की तरफ मुड़ जाती है. मिमि की जिंदगी में उसे अपना सबसे बड़ा सपोर्ट देने वाली उसकी सबसे अच्छी दोस्त शमा (साईं तम्हंकर) उसके पिता मान सिंह (मनोज पाहवा) और मां शोभा (सुप्रिया) होती है. बिताते समय के साथ मिमि अपने शरीर में आने वाले बदलाव को एन्जॉय करती है. लेकिन दूसरी तरफ जॉन और समर को पता चलता है कि होने वाला बच्चा दिमागी रूप से कमजोर है. ऐसे में वह भानु को बताते हैं कि वह बच्चे को अपना नहीं सकते हैं. यह सभी चीजें मिनी को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं.
आगे जो होता है वह इस तथ्य को स्थापित करता है कि माता-पिता बनने के लिए, बच्चे को जन्म देने की जरूरत नहीं है. अब सवाल यह उठता है कि क्या जॉन और समर अपना मन बदलेंगे ? क्या मिमि बच्चे को विकृति के साथ स्वीकार कर पाएगी ? कैसे मां बनने का एहसास उसके जीवन को बदलता है ? इन सभी सवालों का जवाब आपको निर्देशक लक्ष्मण उटेकर और लेखक रोहन शंकर की इस खूबसूरत फिल्म को देखने से मिलने वाला है.
समृद्धि पोरी की मराठी फिल्म 'माला आई व्हायची' से प्रेरित 'मिमि' में एक ब्लॉकबस्टर एंटरटेनर बनने के सभी एलिमेंट हैं. कृति की 'लुका छुपी' को डायरेक्ट कर चुके निर्देशक लक्ष्मण ने बेहद खूबसूरती से मातृत्व, सरोगेसी और गोद लेने जैसे संवेदनशील विषयों को स्क्रीन पर उतारा है. वहीं, लेखक रोहन ने डायरेक्टर संग मिलकर फिल्म में जान फूंक दिया है. फिल्म आपको एक पल में आपको हंसाती है और उसी पल में रुलाती भी है.
मिमि के किरदार में कृति सिर्फ ढली ही नहीं हैं, बल्कि उन्होंने उसे जीया भी है. एक्ट्रेस ने मिमि के किरदार को किसी अनुभवी की तरह स्क्रीन पर उतारा है और ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने इसकी हर बारीकियों को समझा है. कृति की आवाज सुनकर फिल्म में एक बार के लिए आपको यकीं हो जाएगा कि वह राजस्थान की रहने वाली एक लड़की हैं. इतनी कम उम्र में मां की भूमिका निभाना अपने आप में एक बड़ा काम है, ऐसे में कृति ने साबित कर दिया है कि फिल्म में अपनी जान डाल देने से कुछ भी मुमकिन हो सकता है.
कृति जहां फिल्म का दिल हैं तो पंकज त्रिपाठी उसकी धड़कन. जी हां, हर बार की तरह इस बार भी पंकज ने अपनी सहजता से सभी को हंसाया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके भानु के किरदार को उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता था.
जानी-मानी मराठी एक्ट्रेस साई तम्हंकर ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है. कृति के माता-पिता के रूप में मनोज पाहवा और सुप्रिया पाठक बेहतरीन हैं. समर के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एवलिन एडवर्ड्स तारीफ के काबिल हैं. एडन व्हाईटॉक ने भी अपनी भूमिका से दिल जीता है.जैकब स्मिथ का विशेष उल्लेख, जिन्होंने राज की भूमिका को खूबसूरती से निभाया है.
ए आर रहमान म्यूजिक ने मिमि में भी अपना जादू चलाया है. एडिटर मनीष प्रधान मिमि को लगभग 5-10 मिनट और छोटा कर सकते थे. छोटी-मोटी अड़चनों को अलग रखते हुए उन्होंने अच्छा काम किया है. फोटोग्राफी के निदेशक आकाश अग्रवाल ने राजस्थान को अपने लेंस में खूबसूरती से कैद किया है.
मिमि में वो सब कुछ है, जो एक फिल्म लवर देखना पसंद करते हैं. ऐसे में यह फिल्म परिवार के साथ एन्जॉय करने के लिए एक सही चॉइस है.
PeepingMoon मिमि को 3.5 मूंस देता है.