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PeepingMoon Exclusive: 'सलमान खान के साथ काम करना और टॉप एक्टर्स के बीच अपने काम को नोटिस कराना ही सबसे बड़ा टास्क था': 'राधे' फेम गौतम गुलाटी

'दीया और बाती' से लेकर 'बिग बॉस 8' के विनर बनने तक से टीवी की दुनिया में धमाल मचाने वाले एक्टर गौतम गुलाटी इन दिनों फिल्म ‘राधे’ में अपने निगेटिव किरदार 'गिरगिट' को लेकर खूब वाहवाही लूट रहे है. 'राधे' में गौतम के लुक और एक्टिंग की खूब तारीफ़ हो रही है. वहीं हाल ही में गौतम ने पीपिंगमून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान एक्टर ने राधे में अपने किरदार मिलने से लेकर सलमान खान के साथ काम करने के अनुभव शेयर किए. 

सवाल- जब आपने 'राधे' की स्क्रिप्ट सुनी और पता लगा की सलमान खान की फिल्म है . कैसा था पहला रिएक्शन ?
जवाब-  मेरे साथ उल्टा हुआ था, पहले मेरी सलमान सर से मुलाकात हुई थी और बाद में स्क्रिप्ट सुनी थी. तो बेसिकली जब सलमान सर से मेरा इंटरेक्शन हुआ तो धीरे-धीरे बातें बनती गई और फिल्म में मेरे लिए किरदार रखा गया. यह प्रोसेस बहुत एक्साइटेड था. मैं अपने विलेन के किरदार को लेकर बहुत एक्साइटेड था. सेट कर बहुत अच्छा लगता था. शूटिंग के दौरान मैंने बहुत चीजें सीखी भी जैसे मैं अपने किरदार को  और कैसे इंपैक्टफुल बना सकता हूं. मेरे लिए शूटिंग का पूरा टाइम बहुत शानदार था. 
साथ ही मैं ये भी बताना चाहूंगा कि फिल्म में कुछ सीन्स को देखने के बाद मेरे रोल को और बढ़ा दिया गया था. ये मेरे लिए बहुत खास था. मैं शूटिंग खत्म करने के बाद घर आ गया और 10 दिनों बाद, मुझे फिर से और शूट करने के लिए बुला लिया गया, क्योंकि सलमान सर को लगा कि मैं इसे बेहतरी से कर सकता हूं और आज ये मेरी सबसे बड़ी अचीवमेंट है. 

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सवाल- जैकी श्रॉफ और रणदीप हुड्डा के साथ काम करने का  एक्सपीरियंस कैसा रहा ?  
जवाब- सीरियसली, आई फील लाइक टॉप ऑफ द वर्ल्ड. सेट पर बहुत सीनियर कलाकार होते थे तो बहुत कुछ सीखने को तो मिलता ही है और साथ में बहुत फील गुड भी होता है. जैकी सर, रणदीप सर हो या खुद सलमान सर, बहुत ग्रेट फील होता था. मन में फीलिंग आती थी कि मैं इतनी बड़ी फिल्म में काम कर रहा हूं. अंदर से आवाज आती थी कि यहां पर अपना सबसे बेस्ट देना है, अपनी क्षमता से ज्यादा देना है क्योंकि अगर मैं अपना बेस्ट नहीं दूंगा तो इतने दिग्गजों के बीच मेरा काम नोटिस भी नहीं होगा. और शायद मेरे बेस्ट देने का ही यह नतीजा है कि सब ने फिल्म में मेरे किरदार को पसंद किया एंड आई फील रियली गुड एंड मोर एनर्जेटिक. 


 

सवाल- फिल्म में आपका लुक और किरदार 'गिरगिट' अब के निभाए गए आपके किरदारों से एक दम अलग है, कितनी तैयारी करनी पड़ी ?
जवाब- फिल्म में मेरे कपड़े, लुक से लेकर ट्रेनिंग पर बहुत काम हुआ. इस रोल को अपने अंदर उतारने के लिए मैंने अपने दिमाग, शरीर और आत्मा को भी इसके लिए पूरी तरह तैयार किया. एक एक्टर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वे अपने किरदार में एकदम ढल जाए. उससे पहले उसने क्या किया था...उस किरदार का असर उसके वर्तमान के किरदार पर बिल्कुल नहीं आना चाहिए. एक एक्टर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वे अपने किरदार में एकदम ढल जाए. उससे पहले उसने क्या किया था...उस किरदार का असर उसके वर्तमान के किरदार पर बिल्कुल नहीं आना चाहिए. जितने नए किरदार निभाने के मौके मिलते हैं उतना ही खुद को और ज्यादा ग्रूम करने का मौका भी मिलता है. इन्हीं चीजों से आप अपने आप को निखार पाते हैं और बहुत कुछ सीख पाते हैं.

सवाल- क्या आयुष्मान खुराना स्टारर और अभिषेक कपूर की फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' छोड़ने की वजह स्किप्ट का  गलत नेरेशन था, क्या कहेंगे आप इस पर ?
जवाब-  हांजी, मैं चंडीगढ़ करे आशिकी में नहीं हूं, मैंने वो फिल्म छोड़ दी है. पहले जब फिल्म के मेकर्स से मेरी बात हुई थी, उन्होंने मुझे फिल्म का नरेशन दिया था. मुझे नरेशन पसंद भी आया था लेकिन जब मेरे पास स्क्रिप्ट आई तो उसमें मेरा किरदार एकदम बदला हुआ था. जो किरदार मुझे सुनाया गया था और जो स्क्रिप्ट में था, उनमें काफी अंतर था. इसी वजह के चलते मैंने उस फिल्म को करने से इनकार कर दिया. मुझे लगा कि मेरा किरदार ढंग से स्टैब्लिश नहीं किया गया था तो मैं फिल्म में सही से योगदान नहीं दे पाता. अभिषेक कपूर एक अच्छे इंसान है और मेरा दिल बहुत था उनके साथ काम करने का पर कोई बात नहीं उनके साथ काम करने का मौका मुझे मिलेगा. 

सवाल-  किसी बड़े प्रोजेक्ट को ना करने का पछताना ?
जवाब- ऐसा कभी नहीं हुआ मेरे साथ. मैंने जितने भी प्रोजेक्ट मना किए है, मुझे अच्छा ही फील हुआ है क्योंकि वह प्रोजेक्ट कभी रिलीज ही नहीं हुए. बिग बॉस के बाद मेरे पास बहुत सारे प्रोजेक्ट आते थे. मैंने कहीं प्रोजेक्ट साइन भी किए पर बाद में मना करना पड़ा और मैंने उनके पैसे भी लौटाए. मुझे लगता है इंसान वक्त के साथ सीखता है, उसे पता चलता है कि कौन सा काम अच्छा है कौन सा काम आप को आगे बढ़ाएगा और प्रकार आपको करना चाहिए. मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ वक्त के साथ मुझे यह सब चीजें पता लगी पर हां मुझे ऐसा कोई पछतावा नहीं है कि नहीं है कि मैंने यह प्रोजेक्ट नहीं किया. 

सवाल- कोरोना से आपने भी लड़ाई लड़ी....हम जानते हैं किसी के लिए भी वो अनुभव काफी बुरा होता है..फिर भी बताएं कैसे लड़ी आपने कोरोना से जंग और क्या मैसेज देना चाहेंगे लोगों को ?
जवाब-  यह टाइम टफ जरूर है, पर जब तक आप मन से हिम्मत नहीं आ रहेंगे तब तक सब सही है. और मुझे ऐसा लगता है कि जो कोरोना से जूझ रहा है उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह घबराए नहीं, इस स्थिति में बहुत हिम्मत से काम ले. अभी हमें इस वायरस से बचने के उपाय पता है. तो टाइम पर प्रिकॉशंस लेना और मन से खुश रहना बहुत जरूरी है. और इस टाइम पर मैंने यह देखा है कि सब लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं एक दूसरे के सुख दुख में बहुत साथ दे रहे हैं. हम सबको साथ रहना है, जितनी मदद कर सकते हम एक दूसरे की मदद करना है और घर पर सेफ रहने की कोशिश करनी है. 

 

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