इंडस्ट्री में बहुत कम सितारे ऐसे हैं जो अपनी बेबाक राय तो रखते ही हैं..साथ ही अपनी शर्तों पर जिंदगी जीते हैं. एक्ट्रेस सौंदर्या शर्मा भी उन्ही चुनिंदा स्टार्स में से हैं जो ये मानती हैं कि उनकी अपनी च्वाइसेज भले ही उन्हें कई बार लोगों के निशाने पर ला देती हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपने सफर और मेहनत पर हमेशा से यकीन रहा है. अपने करियर, बॉलीवुड में फैले नेपोटिज्म के साथ ही, वेब शोज, फिल्मों समेत कई पहलुओं पर 'रक्तांचल' फेम सौंदर्या ने पीपिंगमून से की खास बातचीत. पेश है इस इंटरव्यू के अंश.
सवाल- सौन्दर्या हर लड़की की अपनी चोइस होती है। आप सोशल मीडिया पर अपनी ग्लैमरस इमेजेस पोस्ट करती हो और लोग पासंद भी करते हैं। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो भद्दे कमेंट करते हैं। एक लड़की होने के नाते ये कितना असर करता है या अब आप इग्नोर करना सीख गई हो .
जवाब- मुझे लगता है कि आजकल का दौर ऐसा हो गया है कि चाहे आपकी मम्मी हो या बहन हो कोई भी हो, कोई कुछ भी पोस्ट करता है लोग कमेंट करते ही है. और मेरा मानना यह है कि सिर्फ कपड़े उतारने का मतलब ग्लैमरस नहीं होता है, हमारे देश में एक सोच है जिसके जितने कपड़े कम है उसको उस हिसाब से देखा जाता है. लेकिन मेरा मानना है कि आप अपने पर्सनैलिटी से ग्लैमरस दिखते है. और मैं सच कहूं तो मैं अगर साड़ी या सूट पहनती हो तो ज्यादा एफर्ट लगाना पड़ता है क्योंकि हम आमतौर पर घर पर यह सब नहीं पहनते हैं. हम नॉर्मल लोग हैं हम घर पर भी यह नॉर्मल कपड़े ही पहनते हैं अपने कंफर्टेबल के हिसाब से. अगर हमने कोई कपड़ा पहना है और हमने वह फोटो क्लिक करके सोशल मीडिया पर डाल दी तो इस पर क्या गलत है. अब जबरदस्ती कपड़े पहन के हाथ जोड़कर मीडिया के सामने वॉक करूं तो लोगों की नजर में सही है क्या ?. अब कोई कुछ भी पहने यह उसकी मर्जी है लोगों को अपनी राय बनानी है तो बनाएं इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं सब लोगों की अपनी सोच है और वह उसी सोच के दायरे में रहकर किसी को भी जज कर लेता है. लेकिन मैं बस भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि मैं अपने करियर में अच्छा कर रही हूं मेरे माता-पिता का मेरे साथ है उनका सपोर्ट मेरे साथ है. बाकी लोगों का काम है कहना लोग तो कहेंगे ही.
सवाल- आपने अपनी फर्स्ट वेब सीरीज 'रक्तांचल' में अपनी इमेज से एक दम उलट नॉन ग्लैमरस रोल किया था. बहुत चैलेंजिंग था. क्या तैयारियां कि थी अपने किरदार के लिए ?
जवाब- यह किरदार मेरे लिए बहुत चैलेंजिंग था. क्योंकि मेरे साथ बहुत चीजें थी जैसे अगर लुक की बात करूं तो असल में मैं इसके बाद से एकदम अलग, आउटसाइडर हूं और सबसे बड़ी बात मुझे कोई गाइड करने वाला नहीं था. जब आपको कोई गाइड करने वाला नहीं होता है तो आप हो ही चीजें करते हो जॉब खुद से सीखते हो. यह सीरीज सच्ची घटनाओं पर आधारित है. सीरीज के फर्स्ट सीजन में मेरा इंट्रोडक्शन था और सेकंड सीजन में मेरी जर्नी है कि एक्चुअल में मैं क्या हूं. सीरीज में मैंने अपने किरदार रोली के लुक को खुद डिजाइन किया था. मेकअप स्कोर मेरा आईडिया बहुत पसंद आया था. एक एक्टर के तौर पर मैं अपने आप को खोजना चाहती हूं, सिर्फ एक्टिंग ही नहीं मैं अपने हर स्किल्स को दिखाना चाहती हूं. और एक्टिंग की बात करें तो मेरा मानना है एक्टिंग एक आर्ट है, जब तक आप अपने किरदार को अच्छे से नहीं पढ़ेगे तब तक आप एक्टिंग नहीं कर सकते हैं. और सबसे बड़ी बात यह है कि आप अपने किरदार को किस नजरिए से देखते हैं मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि मैं हमेशा हॉलीवुड की फिल्में देखकर बड़ी हुई हूं. मेरा नजरिया उस तरीके से बन गया. पहले बॉलीवुड के कंटेंट को देखकर मेरी सोच दूसरी थी पर थैंकफूली टू ओटीटी. ओटीटी की वजह से हमारी ऑडियंस को एक से एक कंटेंट मिल रहे हैं, लोगों की सोच बदल रही है. ओटीटी पर बहुत बड़े लेवल पर काम हो रहा है. मैं यह नहीं कह रही हूं कि बॉलीवुड में कभी काम नहीं हुआ लेकिन हां हॉलीवुड में प्रॉपर कंटेंट पर काम होता है. लेकिन अब और ओटीटी के आने से कितनी बेहतरीन कहानियां हम सबके सामने आई सीरियसली.
'रक्तांचल' की बात करूं तो अपने करियर के इतनी शुरुआत में इस तरह का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. इस किरदार को निभाने में मजा तो आया ही पर सच में ये किरदार बहुत चैलेंजिंग था. क्योंकि इसमें में पॉलीटिशियन का किरदार निभा रही है. और एक पॉलीटिशियन की लाइफ को करीब से जानना, उसकी तरह जीना, बोलने का तरीका सब कुछ बिल्कुल रियल सौंदर्या से अलग था, लेकिन हां Lee Strasberg Theatre And Film Institute और न्यूयॉर्क फिल्म एकेडमी से एक्टिंग का कोर्स किया तो इसकी वजह से मुझे अपने किरदार को अच्छे से समझने में बहुत मदद मिली. आई पर्सनली फील की वहां से एक्टिंग का कोर्स करने पर मुझे अपनी स्किल्स को पॉलिश करने में बहुत मदद मिली. तो मैं बहुत खुश हूं कि मुझे यह किरदार निभाने का मौका मिला.
सवाल- आप एक आउटसाइडर है, आपतो फील होता है कि आउटसाइडर का इंडस्ट्री में टिके रहना मुश्किल होता है. ?
जवाब- मुश्किल शायद छोटा शब्द होगा. एक मेडिकल स्टूडेंट और आउटसाइडर होने के चलते मेरे लिए इंडस्ट्री में सिक्का जमाना मुश्किल रहा. कई बार ऐसा वक्त भी आया, जब मुझे कहा गया कि तुम किसी प्रोड्यूसर को डेट नहीं कर रही हो, किसी एक्टर या स्टार किड को डेट नहीं कर रही हो और न ही तुम्हारा कोई गॉडफादर या शुगर डैडी है तो तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि हॉट और टैलेंटेड लड़की होने के दम पर तुम बड़ी स्टार बन जाओगी. तुम्हें लॉबी का हिस्सा बनना पड़ेगा. कास्टिंग के भी फेवरेट्स चलता है. मैं आज जहां हूं वह केवल अपने पेरेंट्स और विश्वास के कारण हूं. केवल ढाई साल में मैं यहां तक पहुंची हूं. भगवान की दया बनी हुई है. भगवान की दया बनी हुई है. मुझे लगता है कि जैसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है, वैसे ही चीज को पाने की अगर चाह हो तो आपको इस दुनिया में कोई नहीं रोक सकता है.
सवाल- आप काफी आउट स्पोकन तो कभी आपको रियलिटी शो 'बिग बॉस' के घर में आप कभी नजर आएंगी. या फिटनेस फ्रीक भी है तो 'खतरों के खिलाड़ी' के लिए कभी सोचा है ?
जवाब- हां, मैं 'खतरों के खिलाड़ी' रियलिटी शो कर सकती हूं, क्योंकि यह बहुत एडवेंचरस शो है पर बिग बॉस मैं नहीं करना चाहती हूं, मैं बिग बॉस ना देखती हूं, ना मुझे इंटरेस्ट है और ना मैं कभी करूंगी. हां लेकिन जो लोग 'बिग बॉस' में जाते हैं मैं उनको अप्रिशिएट करती हूं क्योंकि वहां जाना और इतने दिन अंदर रहना सब सिचुएशन को डील करना कोई छोटी मोटी बात नहीं है, यह सब मैं नहीं कर सकती हूं.