कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो हमेशा खुद को रि-इन्वेंट करते रहते हैं और यही वजह है कि दर्शक हमेशा उनके काम और किरदार से हैरान होते हैं. ये सरप्राइज ही किसी एक्टर को भीड़ से अलग बनाता है. सोहम शाह ऐसे ही बेजोड़ कलाकार हैं जिन्होंने करियर के शुरुआती दौर से ही खुद को किसी इमेज में बांधने को कोशिश नहीं है. 'शिप ऑफ थिसियस' हो , 'तुम्बाड' या फिर हालिया रिलीज 'महारानी' उनके काम की हमेशा तारीफ होती है. राजस्थान के श्रीगंगानगर से आकर मुंबई में अपनी खास पहचान बनाने वाले सोहम से पीपिंगमून ने उनकी बेव सीरीज महारानी, निजी सफर और कई पहलुओं पर की खास बात. पेश है इस बातचीत के खास अंश.
सवाल- आप राजस्थान के हैं और पहले 'द बिग बुल' में गुजराती कैरेक्टर और अब 'महारानी' में एक दम बिहार के ठेठ राजनेता का कैरेक्टर , चैलेंजिंग था आपके लिए ?
जवाब- मेरे लिए 'द बिग बुल' का गुजराती कैरेक्टर और 'महारानी' का बिहारी कैरेक्टर निभाना इतना मुश्किल नहीं रहा था. वैसे ये दोनों प्रोजेक्ट अलग-अलग टाइम पर शूट हुए थे तो ज्यादा दिक्कत नहीं हुई थी. और मुझे ऐसा लगता है आजकल सेट पर बहुत सुविधाएं होती हैं तो ज्यादा दिक्कत नहीं होती है. 'द बिग बुल' के सेट पर एक डिक्शन कोच रहती थी और महारानी के सेट पर खुद सुभाष सर रहते थे. वह शो के क्रिएटर हैं. उनकी बिहारी बहुत अच्छी है. उसके अलावा शो के राइटर समेत बहुत लोग थे जिनकी बिहार की लैंग्वेज पर कमांड है, तो इसलिए कहीं भी कुछ दिक्कत होती थी तो हर कोई मदद कर देता था. तो इन सब चीजों की वजह से महारानी की शूटिंग आराम से हो गई थी. लेकिन हां अगर मैं कहूं कि मुझे सबसे ज्यादा डिक्शन की दिक्कत किस फिल्म में हुई थी तो उसका नाम 'तुम्बाड' है. उस फिल्म मैं मराठी कैरेक्टर को निभाने में मेरी जान निकल गई थी. वो फिल्म शूट तो हो गई थी, पर इसके डिक्शन में बहुत दिक्कत हुई थी जब फिल्म बन गई तो मैंने फिल्म देखी तो मुझे लगा कि इसकी लैंग्वेज एकदम अलग है, ये मराठी कैरेक्टर था पर लैंग्वेज से फील हो रहा था कि ये हरियाणवी या जाट कैरेक्टर है. 'तुम्बाड' की डबिंग के लिए मैंने बहुत काम किया था. वह मेरे लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग था.
सवाल- महारानी में आपकी बोली से लेकर फिजिकली भी बदलाव हुए है. कुछ किलो वजन बढ़ाया और मूंछें भी बढ़ाईं है, कुलमिलाकर इस करैक्टर के लिए काफी मेहनत की ?
जवाब- मेरे लुक के लिए 2 लोगों ने सबसे ज्यादा काम किया एक तो मेरी मां ने और दूसरा मेरे डायरेक्टर ने. मैं पिछले लॉकडाउन में जब घर गया था, तब मेरी मां ने मेरे पर बहुत प्यार बसाया मुझे बहुत खाना खिलाया. तब मेरा वजन 10 किलो बढ़ गया था. दाल बाटी चूरमा से लेकर मक्खन लगे हुए पराठे खाकर मेरा वजन काफी बढ़ गया था. मैं सोच रहा था कि भाई अब तो वजन बहुत बढ़ गया है अब इस पर बहुत काम करना पड़ेगा पर किस्मत से उस समय मुझे महारानी मिल गई. और महारानी के लिए मैं परफेक्ट मैच था. हर डायरेक्टर का एक विजन होता है कि कि उसकी कहानी का कैरेक्टर ऐसा दिखना चाहिए, मतलब लंबाई चौड़ाई मोटापा इन सब का विजन पहले से सेट होता है, फिर किरदार पर धीरे-धीरे काम किया जाता है.
पर हां एक राजनेता का किरदार निभाना काफी चैलेंजिंग था, लेकिन मुझे लगता है कि कभी-कभी ऐक्टर्स के लिए कुछ किरदार आसान नहीं होते हैं. जब शूटिंग करता था, तब मुझे राजा वाली फीलिंग आती थी. मुझे तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं मिला, लेकिन कम समय में मैंने काफी मेहनत की है. सीरीज में बिहारी नेता की राजनीति और उनकी जिंदगी भी दिखाई गई है. जहां नेता पूरा राज्य चला रहा होता तो, वहीं दूसरी तरफ घर में पत्नी से डांट भी सुनता है. यह सब मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था.
सवाल- सोशल मीडिया पर कई बार बहुत बड़ी तादाद लोग फिल्म 'तुम्बाड' को ऑस्कर में न भेजने पर निराशा जाहिर करते हैं. आप क्या कहेंगे इस पर ?
जवाब- ऑस्कर में जाती तो बहुत अच्छा लगता, पर कोई बात नहीं, हमने यह फिल्म ऑस्कर के लिए सोचकर नहीं बनाई थी हम बस इतना चाहते थे ज्यादा से ज्यादा इंडियन ऑडियंस तक यह फिल्म पहुंचे. मैं बहुत खुश हूं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए यह फिल्म बहुत लोगों तक पहुंच गई है. ऐसी फिल्में कब आती है और कब चली जाती है पता ही नहीं चलता लेकिन हम ओटीटी के दौर में जी रहे हैं, इस प्लेटफार्म के जरिए बहुत लोग इस फिल्म को देख रहे हैं. हर दिन के साथ इस फिल्म का क्रेज बढ़ता जा रहा है. आज भी लोग मुझे मैसेज करके इस फिल्म की तारीफ करते हैं. यह बहुत बड़ी बात है कि इस फिल्म को आज भी इतना प्यार मिल रहा है. मुझे ऐसा लगता है 7 साल जो हमने मेहनत की, जो हमारी तपस्या थी उसका फल हमें मिल गया है. लोगों के मन में तुम्बाड अकेली इतनी रिस्पेक्ट इतना प्यार है इन सब को देख कर मुझे बहुत अच्छा फील होता है एक अलग ही खुशी का अनुभव होता है.
सवाल- तुम्बाड के सीक्वल की चर्चा काफी टाइम से हो रही है. पहले तुम्बाड को बनने में 7 साल लग गए थे अभी इसके सीक्वल को लिए कितना इंतजार करना पड़ेगा ?
जवाब- हमें 'तुम्बाड' बनाने में सात सालों का समय लगा और मुझे पता नहीं है कि इसका सीक्वल बनाने में अभी और कितना वक्त लगेगा, पर हां बनेगा जरूर. हम इस प्रोजेक्ट के लिए जल्दबाजी में नहीं हैं. हम अच्छे आइडिया पर काम कर रहे हैं लेकिन इसे एक अच्छी स्क्रिप्ट में तब्दील नहीं कर पा रहे हैं.मेकर्स अभी इस प्रोजेक्ट पर अपना फोकस नहीं कर रहे हैं. उनका पूरा ध्यान फिल्म की स्क्रिप्ट को पूरा करने में लगा है. इस फिल्म का सीक्वल या प्रीक्वल बन सकता है क्योंकि इसके पात्र बहुत समृद्ध हैं. यह एक अलग दुनिया है लेकिन मैं नहीं जानता कि इसकी शूटिंग कब शुरू होगी. इसे मैंने नियति पर छोड़ रहा हूं.
सवाल- जैसा की आपकी आखिरी फिल्म और सीरीज बॉयोपिक और रियल स्टोरी पर आधारित थी, तो आने वाले समय में आप ऐसी ही किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनते दिखेंगे ?
जवाब- मेरे लिए सिर्फ किरदार और कहानी जरूरी है. जहां अच्छा काम मिलेगा मैं वहां काम करूंगा. मैं फिलहाल अभी एक शो कर रहा हूं वह फिक्शन है, किसी से इंस्पायर्ड नहीं है. और इसके बाद में एक साइलेंट कॉमेडी फिल्म कर रहा हूं, यह भी अपने आप में एक अलग तरीके की फिल्म है. तो ऐसा कुछ नहीं है मैं नए-नए कंटेंट पर काम करना चाहता हूं. मैं कॉमेडी एक्शन हर तरीके की फिल्में करना चाहता हूं ऐसा कुछ नहीं है कि मैं बस किसी से इंस्पायर्ड कहानी या ट्रू इवेंट पर बेस्ट प्रोजेक्ट ही करूंगा.
सवाल- आप शुरू से एक्टर बनना चाहते थे, क्योकि सुना है कि आप पहले रियर स्टेट में थे. कितनी सच्चाई है इस बात में
जवाब- पहले घर में पैसों की किल्लत होती थी. और जब मैं छोटा था तो मुझे यह चकाचौंध की दुनिया बहुत अट्रैक्ट करती थी. और मैं शुरू से शाहरुख खान साहब का फैन रहा हूं. बोलते ना जहां आपकी इच्छा होती है वहीं पर राहें बन जाती है. शुरू में मैंने अपना छोटा सा बिजनेस किया था फिर जब मैंने अपनी थोड़ी सेविंग्स कर ली, उसके बाद मैंने सोचा कि अब मैं जो करना चाहता हूं वही करूंगा. तो मुझे लगता है जो मेरी चाहत थी वही मुझे खींचकर मुंबई ले आई. शुरू में बहुत स्ट्रगल करना पड़ा पर मन में खुशी है कि जो भी काम मैंने चाहा वह किया और लोगों को मेरा काम पसंद भी आ रहा है, अब इससे ज्यादा क्या चाहिए.
सवाल- आपको काफी सिरियस रोल्स में देख लिया है अभी परदे पर रोमांस करना हो तो कौन सी एक्ट्रेस से करना चाहेंगे.
जवाब- बहुत लंबी लिस्ट है. भूमि पेडनेकर, तापसी पन्नू, राधिका मदान यह सब बहुत अच्छी कलाकार है. इन सबके साथ काम करने का मौका मिलेगा तो बहुत अच्छा लगेगा.