टीवी हो या फिर फिल्में दोनों ही इंडस्ट्री में बने रहने के लिए टैलेंट ही एक चीज है, जिसकी जरुरत होती है. लेकिन जिस एक्ट्रेस की हम बात कर रहे हैं, वह खूबसूरत के साथ-साथ टैलेंट का एक बेजोड़ एक्साम्पल हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं 'क्योंकि सास भी बहूं थी', 'कहानी घर घर की' से लेकर 'कसौटी जिंदगी के 2' में काम कर चुकी एक्ट्रेस शुभावी चौकसे की. शुभावी ने PeepingMoon को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अपने किरदारों से लेकर आने वाले समय में सभी प्लेटफॉर्म्स पर काम करने की अपनी इच्छा को जाहिर किया है.
कसौटी के बाद वह कौन से प्रोजेक्ट्स हैं जिनमें हम आपको देख सकते हैं ?
मुझे माफ़ करें, लेकिन मैं अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में वैसे बात ही नहीं करती. क्योंकि इस बार तो मैं करना ही नहीं चाहती कि वो शुरू होने वाला था, और फिर कोविड वापस हुआ, तो वो वापस और डिले हो गया है. तो जब आएगा, तब मेरे ख्याल से सबको बोल दूंगी की. मुझे अच्छा लगता है कि कुछ आ जाए तब सबको पता लगे.
बेहद खूबसूरत होने के बावजूद आप अपने उम्र से बड़े किरदार करती हैं, आने वाले दिनों में कुछ अलग करने का प्लान है ?
मैं एक बात कहूं, तो अगर मैंने क्योंकि में मीरा सिंघानिया का किरदार नहीं निभाया होता, मेरे पहले शो में, और शायद मैं इतने साल के बाद ब्रेक लेकर जब मैं वापस आई तो जब लोग बाते करते थे, तो वो उसी रोल को लेकर करते थे. मैं जानती हूं कि पार्थ मुझसे 8-10 साल छोटा है, लेकिन मैंने उसकी मां का रोल प्ले किया, लेकिन अगर मैं मोहिनी बासु नहीं करती तो मुझे ये सुनने में नहीं आता कि हम पहले मोहिनी बासु को जानते नहीं थे पर आपको भूल नहीं पाएंगे. मैं सोचती हूं कि ये अच्छी बात है. और हां जो भी मेरे पास आया मैंने किया, लेकिन मैं अब सोच रही हूं कि अब मुझे मेरे उम्र के रोल मिलने चाहिए. अब मां की भूमिका नहीं, वैसे मुझे मां बनने में को दिक्कत नहीं है क्योंकि मेरा बेटा है 9 साल का. वैसे यह टाइम-टाइम की बात है(हंसते हुए).
आज कल सभी एक्टर्स OTT की तरफ अपना रुख कर रहे हैं, ऐसे आपका क्या प्लान है?
मैंने हमेशा यही कहा है कि हम एक्टर्स जो हैं ना वह एक जिप्सी की तरह हैं जहां कारवां लेकर जाता हम चले जाते हैं. तो पहले टेलीविजन और फिर मैंने फिल्म की धड़क और उसके बाद फिर वापस टेलीविजन, उसके पहले मैंने थिएटर भी किया था 1 साल, जो मुझे नहीं लगता कि काफी लोगों को पता होगा. तो मैं असल में प्रोजेक्ट के हिसाब से करती हूं. जो चीज मुझे ज्यादा इंटरेस्टिंग लगती है मैं चीजें उसी हिसाब से करती हूं. और एक और चीज मैं कहना चाहूंगी कि टीवी की एक ऑडियंस है, जो कि हमेशा ही रहेगी. चाहे वह ओटीटी पर जाएं लेकिन वह घूम फिर कर टीवी पर ही वापस आएंगे क्योंकि उनका हर दिन का रूटीन होता है. ओटीपी का क्या है कि उसका एक सीजन होगा जो कि 5 दिन या फिर एक हफ्ते में यार 10 दिन में जितना भी बड़ा सीजन हो या छोटा हो, आप कैसे भी उसे खत्म कर लेते हैं फिर उसके बाद क्या. लेकिन जो टीवी की ऑडियंस है मेरे हिसाब से मुझे लगता है वह कभी भी टेलीविजन देखेगी. लेकिन हां मैं एक एक्टर हूं और मैं सब कुछ करना चाहती हूं. एक एक्टर के रूप में मैं हर माध्यम को एक्सप्लोर करना चाहती हूं.