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The Mark Manuel Interview: 'बेलबॉटम' की रिलीज पर बोले अक्षय कुमार, कहा- '1980 के दशक में मेरे पास बेलबॉटम्स के लिए पैसे नहीं थे'

अक्षय कुमार मुझे बता रहे थे कि 1980 के दशक में उनके पास एक भी बेलबॉटम नहीं था. वह दशक था जब बेलबॉटम्स का बहुत क्रेज था. ये फ्लेयर्ड ट्राउजर घुटनों के नीचे काफी चौड़े होते है. अक्षय ने कहा, 'मेरे पास उस समय बेलबॉटम्स के लिए पैसे नहीं थे. मेरे पास केवल अपने ट्रैक पैंट्स थे. लेकिन हां मेरे पिताजी के पास एक बेलबॉटम सूट था और वह उसे पहनते थे.'

1980 के दशक में हाईजैक ड्रामा बेलबॉटम की रिलीज़ की पूर्व संध्या पर हम बात कर रहे थे. इस दौरान अक्षय ने मुझे बताया कि यह दुनिया की पहली फिल्म थी जो कोविड के दौरान स्टार्ट और फिनिश हुई थी. बेलबॉटम, जिसे बहुत अच्छे रिव्यूज मिल रहे हैं, को लगभग पूरी तरह से स्कॉटलैंड में शूट किया गया था. 'सारा श्रेय क्रू और यूनिट को जाता है और इतना बड़ा रिस्क लेने के लिए वाशु भगनानी को. कुछ भी हो सकता था. वहां लगभग 250 लोग थे और उस समय हमें नहीं पता था कि कोविड रियल में क्या है, हमे नहीं पता था कि इससे बचना कैसे है. हमें नहीं पता था कि वैक्सीन कब तक आएगी, लेकिन हमने जोखिम उठाया. और हमारी पूरी टीम से एक भी कोविड संक्रमित नहीं हुआ.'

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'बेलबॉटम' में अक्षय के साथ इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही लारा दत्ता भी काफी सुर्खियां बटोर रहीं है. अक्षय इस पर कहते हैं कि, 'लारा की पहली फिल्म अंदाज़ (2003) मेरे साथ थी. मैं उन्हें एक परफेक्ट सभ्य महिला के तौर में जानता हूं. तो मैंने लारा को फोन किया और उनसे पूछा, 'क्या आप इंदिरा गांधी की भूमिका निभाना चाहती हैं?' उन्होनें पूछा, 'शूटिंग कहां है?' और मैंने कहा, 'स्कॉटलैंड.' उन्होंने बस इतना कहा, 'चलो चलें.' वहीं उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वो इस रोल को एक दम परफेक्ट बना पाएंगी ?' मैंने जवाब दिया, 'मेरा दिल कहता है कि आप ही ये कर सकती हैं.' जब लारा इंदिरा जी के गेटअप में आईं तो सच में सेट पर उन्हें किसी ने नहीं पहचाना था. महेश भूपति ने भी नहीं. लारा ने जब खुद बताया तो पता लगा,'


मैंने पूछा, 'क्या हाईजैक फिल्मों को शूट करना मुश्किल है क्योंकि बॉलीवुड में इस मुद्दे पर केवल पांच फिल्में ही बनी हैं जबकि हॉलीवुड में कई सारी, जिसमें आइकॉनिक फिल्म एयर फ़ोर्स भी शामिल है. इस पर अक्षय ने कहा, 'यह एक अलग जॉनर है, लेकिन हां हमें सच्ची घटनाओं का सपोर्ट मिला. इसलिए हमें पता था कि हम क्या कर रहे हैं और हमने कुछ लोगों से इसके बारे में बात की थी. यह मेरे करियर की पहली हाईजैक फिल्म है.' वहीं ये पूछने पर की बेलबॉटम के ट्रेलर को 'एयरलिफ्ट' और 'बेबी' के साथ कम्पेरिजन किया गया, जिस पर अक्षय ने समझाते हुए कहा कि, 'क्योंकि इसमें जासूसी है, लेकिन हां मेरी इन तीनों फिल्म की कहानी एक दूसरे से बिल्कुल अलग है. एयरलिफ्ट एक रेस्क्यू मिशन के बारे में थी. बेबी आतंकवादी को पकड़ने वाली कहानी थी. यहां यह एक प्लेन को सुरक्षित करने और सात आतंकवादियों को पकड़ने के बारे में है.'


मैंने अक्षय से पूछा कि, 'क्या आपको याद है कि आप पहली बार प्लाइट में कब बैठे थे ?', जिस पर उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि, 'यह बॉम्बे से दिल्ली तक की फ्लाइट थी और मैंने अकेले जर्नी की थी. मेरे पिताजी ने मुझे एयरपोर्ट पर छोड़ा था और एयर होस्टेस मुझे आगे ले गई थी. मैं छोटा था और बहुत डरा हुआ था. मुझे नहीं पता था कि प्लेन कैसा दिखता है. मेरे पिताजी ने मुझे बताया था कि एयरबस में पहले बैठूंगा. फिर जब मैंने देखा की सारे पैसेंजर्स को टर्मिनल से प्लेन में जाने तक के लिए एयरबस में बैठाया जा रहा है तो मुझे लगा कि यह एयरबस अब उड़ान भरेगा. मैंने सीट बार को बहुत कसकर पकड़ रखा था. जब तक एयर होस्टेस ने मुझे तसल्ली नहीं दी और टरमैक पर इंतज़ार कर रहे प्लेन को इशारा कर दिया.'

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