By  
on  

PeepingMoon Exclusive: 'मुझे लगता है कि अगर मौका मिले तो हर एक्टर को एक बार बिग बॉस के घर में जरूर जाना चाहिए, क्योंकि वहां आपके दिमाग के सारे तार एक्टिवेट हो जाते हैं' : अमर उपाध्याय

टीवी के मशहूर आइकॉनिक शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के मिहिर विरानी यानी एक्टर अमर उपाध्याय इन दिनों टीवी शो 'मोलक्की' में लीड रोल निभा रहे है. शो में अपने किरदार विरेंद्र प्रताप सिंह के लिए अमर को काफी वाहवाही मिल रही है. पर वहीं इसके अलावा अमर एक और वजह से सुर्खियों में है. दरअसल एक्टर जल्द ही बॉलीवुड में कमबैक करने के लिए तैयार है. अमर, कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी-स्टारर 'भूल भुलैया 2' में तब्बू के अपोजिट दिखाई देंगे. हाल ही में अमर उपाध्याय ने पीपिंगमून के  साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान अमर ने अपने शो 'मोलक्की' के सामन में पड़ते अच्छे इम्पैक्ट को लेकर खुशी जाहिर की. इसके साथ की एक्टर ने अपनी अपकमिंग फिल्म 'भूल भुलैया 2' की स्टार कास्ट और डायरेक्टर अनीस बज्मी के साथ शूटिंग का अनुभव भी शेयर किया. इसके अलावा अमर ने अपने बिग बॉस के दिनों को भी याद किया. 

सवाल- 'मोलक्की' में आपके किरदार ठाकुर विरेंद्र प्रताप सिंह और शो को काफी पसंद किया जा रहा है. यहा तक की आपको शो से इंस्पायर होकर राजस्थान के सज्जनगढ़ गांव में  'मोलक्की कुप्रथा' को बंद कर दिया गया. कैसा फील करते है इस शो का असर देखकर ?
जवाब- पूरी टीम को बहुत खुशी होती है कि इस शो से धीरे-धीरे लोग इंस्पायर हो रहे हैं. बहुत अच्छा फील होता है कि हमारे शो का बहुत पॉजिटिव इंपैक्ट लोगों के ऊपर पड़ रहा है. इतने सालों पुरानी कुप्रथा से लोग बाहर निकल रहे हैं. हमने कभी यह नहीं सोचा था कि यह शो इतने बड़े लेवल पर काम करेगा कि एक पूरे के पूरे गांव में यह कुप्रथा बंद हो गई. यह शो हमने उन लड़कियों को शक्ति और कॉन्फिडेंट देने के लिए शुरू किया था जो इस  'मोलक्की' कुप्रथा का शिकार होती हैं. हम चाहते थे हमारे शो के जरिए उन लड़कियों में हिम्मत आए और आज यह सब देख कर दिल बहुत खुश होता है कि लोग जागरूक हो रहे हैं.

PeepingMoon Exclusive: 'सुप्रिया पाठक जी कि परफॉर्मेंस इतनी इंटेंस और रियलिस्टिक होती थी कि सेट पर हर कोई हैरान हो जाता था': Cartel फेम प्रणति राय प्रकाश

सवाल-  'भूल भुलैया 2' में आप तब्बू और आपकी जोड़ी दिखाई देखी. कैसा रहा एक्सपीरियंस ?
जवाब- फिल्म अपने आप में एक सुपरहिट फ्रेंचाइजी है. डायरेक्टर प्रियदर्शन और विद्या बालन, अक्षय कुमार स्टारर 'भूल भुलैया' बहुत कमाल की फिल्म थी. इस बार अनीस बज्मी सर फिल्म को डायरेक्ट कर रहे हैं. अनीस सर का कॉमेडी दिखाने का जो स्टाइल होता है वह एकदम अलग होता है. और इस बार उन्होंने तो एक हॉरर कॉमेडी अटेम्प्ट किया है. उनके साथ शूट करके बहुत अच्छा लग रहा है. वह बहुत ही अच्छे और जिंदादिल डायरेक्टर हैं. सेट पर हमेशा हंसी मजाक वाला माहौल रहता था. और इसके अलावा फिल्म की स्टार कास्ट जिसमें कार्तिक आर्यन, कियारा आडवाणी, तब्बू, राजपाल यादव जी, संजय मिश्रा, अश्वनी है. सबका काम और सीन्स देख कर आपको बहुत मजा आने वाला है. सब ने बहुत कमाल का काम किया है. और तब्बू जी का कैरेक्टर फिल्में बहुत फैंटास्टिक है. और वह हमेशा से बहुत शानदार रहीं हैं और आगे भी रहेंगी. फिल्म से आपको मिक्स एक्सपीरियंस होने वाला है, कहीं कहीं आपको डर भी लगेगा तो कहीं कहीं बहुत हंसी आएगी. और मुझे ऐसा लगता है कि इंडियन ऑडियंस हॉरर कॉमेडी के मिक्सर को बहुत पसंद करती है. यह हर सीजन का फ्लेवर है. हॉरर के साथ कॉमेडी मिलना मतलब मजा दुगना होने जैसा है. अभी तक हमारी आधी फिल्म की शूटिंग हुई है तो मुझे ऐसा लगता है सितंबर एंड या अक्टूबर तक फिल्म की शूटिंग पूरी हो जाएगी और मुझे फुल कॉन्फिडेंस है कि ये फिल्म लोगों को जरूर पसंद आएगी

सवाल-  जैसे की अभी बिग बॉस ओटीटी शुरू हो गया है. आप खुद बिग बॉस 5 का हिस्सा रहे है. शो से जुड़ी कुछ यादें जो आप शेयर करना चाहेंगे ?  
जवाब- बिग बॉस अपने आप में अलग यह कांसेप्ट है लाइफ का. मुझे बिग बॉस का सीजन 1, 2, 3, 4 लगातार ऑफर हुए थे तब मैं यह शो नहीं कर पाया था. लेकिन जब सीजन 5 ऑफर हुआ तो मेरे पास कुछ और काम नहीं था इसलिए मैंने यह शो एक्सेप्ट किया था. फिर मैंने अपने घरवालों की अपनी वाइफ की परमिशन ली क्योंकि मुझे तीन महीने  बिग बॉस के घर में रहना था बिना किसी से कांटेक्ट किए. और मुझे ऐसा लगता है कि अगर आपको एक बार मौका मिले तो बिग बॉस के घर में जरूर जाना चाहिए, क्योंकि मुझे लगता है हमें जो टीवी, मोबाइल और हर वक्त दुनिया में क्या हो रहा है, इन सब की आदत पड़ गई है तो बिग बॉस 3 महीने आपको इन सब से अलग कर देगा. उधर ना आपको मोबाइल दिखेगा ना टीवी दिखेगा बस आपको एक काम है कि आपको अपने आप को नॉमिनेट होने से बचाना है. और अंदर कितने भी कॉन्ट्रोवर्सी हो कितने भी झगड़े हो, वहां से अपने आप को क्लीन चिट लेकर निकलना पॉसिबल ही नहीं है. बिग बॉस के घर में लोग आपको उकसाएंगे, झगड़ा करेंगे और अगर आप सेफ गेम खेल रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं तो आपसे इन इनसिक्योर होकर आप पर निशाना साधेंगे. आपके खिलाफ ग्रुपिज्म करेंगे, साजिश रचेंगे और पता नहीं क्या-क्या करेंगे. तो इन सब से आपकी पर्सनालिटी और कॉन्फिडेंट होती है क्योंकि आप इन सब से लड़ कर अपने आप को कैसे बचाते हो कैसे डील करते हुए सब सिचुएशन, यही पूरा खेल है.

यह सुनने में बहुत इजी इजी सा फील होता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. बड़े बड़े तुर्रम खां भी 10 दिन से ज्यादा घर में टिक नहीं पाते हैं. तो इस खेल को एकदम आसान समझने की गलती मत कीजिए. यह बहुत मुश्किल है घर में 1 1 दिन बिताना बहुत मुश्किल होता है. बिग बॉस में 7 दिन बिताने के बाद आपको पता चलता है कि आप की हालत कितनी खराब हो चुकी है. बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद जो जिंदगी की बेकार की चीज है ना जैसे मोबाइल और बिना मतलब कि चिल्लम चिल्ली इन सब से आप कट ऑफ हो जाते हैं. आप जब घर में रहते हैं तो आपको अपने दिमाग की बत्ती 24 घंटे जलाए रखनी होती है, हर चीज को इतना अटेंशन देना पड़ता है कि आपका दिमाग दोगनी स्पीड से चलना शुरू हो जाता है. क्योंकि वहां पर आपको हर एक के साथ बनाकर चलना है. हर एक टास्क पर खरा उतरना हर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है. मुंह से कुछ गलत ना निकल जाए यह सब भी सोचना है. जिन बातों का कोई मायने भी नहीं होता वह बिग बॉस के घर में राई का पहाड़ बनता है. आदमी इतना फंस जाता है ना, अगर आप छोटी बातों पर लड़ते हो, तो सामने वाला सोचता है कि ये पागल है क्या जो इतनी छोटी बात पर लड़ रहा है और अगर आप नहीं लड़ते हो तो, हर कोई आप को दबाने में लगा रहता है. बिग बॉस के घर में इतना दिमाग लगाना पड़ता है कि आपके दिमाग के एंटी ने की सारी नसें खुल जाती है और सारे तार एक्टिवेट हो जाते हैं. जब मैं बिग बॉस के घर से बाहर निकला तो मुझे 7 रातों तक यही लगा था कि मैं बिग बॉस के घर में हूं. बिग बॉस का हैंगओवर उतरने में 7 रात कम से कम लगी थी. 

सवाल- 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के मिहिर विरानी से लेकर मोल्की के विरेंद्र प्रताप सिंह ...कैसे देखते है अपनी जर्नी को ?
जवाब- मैं ऐक्टिंग बैकग्राउंड से नहीं था. मैंने अच्‍छे प्रॉजेक्ट्स ना चुनकर गलती की. अब लगता है कि शायद उस वक्त धैर्य से काम लेना था और कुछ समय का इंतजार करना चाहिए था. मुझे लगता है कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के बाद फिल्मों में जाने के लिए मुझे ज्यादा बेसबर नहीं होना चाहिए था. मेरे पास ऐसे पिता नहीं थे जो मेरे लिए एक फिल्म फाइनैंस करें. मैं उस वक्त तीन सीरियल्‍स और कई फिल्मों को साइन कर लिया था लेकिन फिर डेट्स को संभाल नहीं पाया. काश, उस वक्‍त इंडस्ट्री के बारे में गाइड करने के लिए मेरे पास कोई होता. लेकिन मैं अपनी जर्नी से बहुत खुश हू. बहुत काम करना है अभी. पूरे उत्साह के साथ में अपना काम कर रहा हू. खुथ हूं की अब बहुत व्यस्थ हू. 

सवाल- 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के मिहिर विरानी से लेकर मोल्की के विरेंद्र प्रताप सिंह ...कैसे देखते है अपनी जर्नी को ?
जवाब- मैं ऐक्टिंग बैकग्राउंड से नहीं था. मैंने अच्‍छे प्रॉजेक्ट्स ना चुनकर गलती की. अब लगता है कि शायद उस वक्त धैर्य से काम लेना था और कुछ समय का इंतजार करना चाहिए था. मुझे लगता है कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के बाद फिल्मों में जाने के लिए मुझे ज्यादा बेसबर नहीं होना चाहिए था. मेरे पास ऐसे पिता नहीं थे जो मेरे लिए एक फिल्म फाइनैंस करें. मैं उस वक्त तीन सीरियल्‍स और कई फिल्मों को साइन कर लिया था लेकिन फिर डेट्स को संभाल नहीं पाया. मैं चीजों में बहुत उलझता चला गया, काश उस वक्‍त इंडस्ट्री के बारे में गाइड करने के लिए मेरे पास कोई होता. और यह सब सिलसिला चलता ही रहा मैंने कभी भी बहुत कुछ प्लानिंग से नहीं किया, बस सब होता चला गया. फिर बीच में टेलीविजन कंटेंट को लेकर मेरा मन हट गया फिर मैंने टेलीविजन से ब्रेक ले लिया. अब फिर अच्छा काम मिला फिर मैंने टेलीविजन की ओर रुख कर लियालेकिन मैं अपनी जर्नी से बहुत खुश हू. बहुत काम करना है अभी. पूरे उत्साह के साथ में अपना काम कर रहा हू. खुथ हूं की अब बहुत व्यस्थ हू. 

सवाल- वेब सीरीज को लेकर को लेकर क्या प्लान्स है ?

जवाब- 2-3 वेब सीरीज मुझे ऑफर हुई थी, पर डेली सोप के साथ आप सीरीज को टाइम नहीं दे सकते है. और फिल्म 'भूल भुलैया' मैंने 'मोलक्की' से पहले साइन की थी तो मुझे वह अपनी कमिटमेंट पूरी करनी थी. पह हां मुझे लगता है कि ओटीटी और टीवी को एक साथ मैनेज करना मेरे लिए मुश्किल है अभी.

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive