ईशा देओल के साथ हाल ही में शॉर्ट फिल्म 'एक दुआ' में बतौर मेल लीड नजर आने वाले टैलेंटेड एक्टर राजवीर अंकुर सिंह ने PeepingMoon को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अपनी डेब्यू फिल्म 'जी कुत्ता' से लेकर ईशा के साथ काम करने के अपने अनुभव और नेक्स्ट साउथ फिल्म सिट्टीमार में कोल्ड ब्लडेड विलन की भूमिका निभाने से लेकर अपनी आने वाली हिंदी फिल्म्स और वेब्स सीरीज पर भी रोशनी डाली है.
ईशा देओल के साथ काम करने का अनुभव आपका कैसा था ?
--धर्म जी एक फार्मर बैकग्राउंड से हैं और मैं भी, तो आप समझ सकते हैं कि उनका काम उनकी तरह की देखते हुए हम बड़े हुए हैं. इस तरह से ईशा के साथ काम करना बहुत हु अच्छा था, वह बहुत ही हम्बल हैं. शूटिंग के दौरान पूरे समय जिस तरह से उन्होंने मुझे ट्रीट किया, मुझे कहीं पर हेल्प चाहिए होती थी उन्होंने किया. और मैं बहुत ग्रेट फुल हूं कि उनकी पहली फिल्म बतौर प्रोड्यूसर मे मुझे काम करने का मौका मिला.
आने वाले दिनों में आप तेलुगू फिल्म्स में भी नजर आने वाले हैं, ऐसे में किस तरह के होने वाले हैं आपके किरदार?
-- सीटीमार जो मेरी फिल्म रिलीज होने वाली है 10 सितंबर को, उसमें मेरा जो किरदार है वह आउट एंड आउट सुपर नेगेटिव होने वाला है. एक जो होता है नेगेटिव और दूसरा होता है सुपर नेगेटिव बहुत ज्यादा एग्रेसिव और बेरहम, तो इस तरह से जो विलेन है उसका किरदार है मेरा. मुझे यह करने में बहुत मजा आया क्योंकि मैंने ऐसा किरदार पहले किया नहीं था. अक्सर हम नेगेटिव और ग्रे किरदार में फर्क नहीं कर पाते हैं. जैसे कि मेरी पहली फिल्म थी जी कुत्ता, जिसमें मैं ही विलेन और मैं ही हीरो था. तो वो किरदार कहीं ना कहीं ग्रे जोन में था. लेकिन इस फिल्म में मेरा किरदार बहुत ही खूंखार और कोल्ड ब्लडेड होने वाला है.
कौन से बॉलीवुड प्रोजेक्ट और वेब सीरीज में हम आपको आने वाले समय में देख सकते हैं?
--मेरे साथ पता है चक्कर क्या है, मेरे जितने हाल फिलहाल में इंटरव्यू है मैं कहता हूं, मेरी जो पहली फिल्म थी वह साल 2017 में रिलीज हुई थी 'जी कुत्ता', जिसने बहुत से अवॉर्ड्स जीते हैं, जिसे लेकर मैं बहुत ही प्राउड महसूस करता हूं, क्योंकि जिस तरह का वह काम था. हम एक्टर बनने आते हैं, सब को पैसा कमाना अच्छा लगता है, लेकिन मैं पैसे से ज्यादा जो एक काम करता हूं वह बहुत ज्यादा मायने रखता है. तो मेरे पास जब मैं मॉडलिंग कर रहा था, तब मॉडल्स इंतजार करते हैं कि उन्हें बड़े बैनर में काम करने का मौका मिले, लेकिन मुझे काम उस तरह का करना था जिससे कहीं ना कहीं फर्क पड़ता हो, उसका कोई मैसेज हो. मैंने जी कुत्ता में काम किया था और वह इतनी अच्छी फिल्म थी लेकिन उसमें बस एक चीज का फर्क था कि वह एक बड़े बैनर के तले नहीं बनी थी, जिसकी वजह से उसे उस तरह की पहचान नहीं मिल पाई. और हां मुझे उस तरह का काम नहीं मिला जैसा मिलना चाहिए था, लेकिन मैं पैसे के लिए कुछ भी नहीं करना चाहता था. तो मैं अपनी फार्मिंग की तरफ चला गया था जब भी मुझे वक्त मिलता है मैं फार्मिंग करता हूं.
तो इस तरह से मैंने अपने टाइम को डिवाइड किया कि मैं काम के नाम पर कुछ भी ना करूं. मैं कुछ ऐसा करूं जो मुझे अच्छा लगेगा इंपैक्टफुल लगेगा, एक दुआ कोई कमर्शियली बड़ी फिल्म नहीं थी, लेकिन उसके अंदर मेरी एक 5 साल की बेटी है तो मैं समझ सकता था कि वह कैसा एहसास होता है, असल में मुझे उस मूवी के साथ कनेक्ट होना था. और मैं खुश हूं कि लोगों को वह पसंद आई है, तो इस तरह का काम है जो मैं करना चाहता हूं. बहुत सारे काम है जो मुझे ऑफर किए जाते हैं जो मैं नहीं करना चाहता हूं, जैसे ऑल्ट बालाजी के बहुत सारे शोज जो आप देख ही रहे हैं. किस तरह की वेब सीरीज वेब शो आ रहे हैं तो मैं कोशिश करता हूं कि मैं इन सब से दूर रहूं और अच्छा काम करूं, इसमें मैं विश्वास करता हूं. जिनके साथ मैंने अपनी पहली फिल्म जी कुत्ता की थी उनके साथ ही मेरी एक फिल्म में जो प्री प्रोडक्शन में है, तो हमारा काम या कुछ भी अभी डिसाइड नहीं है. राहुल भैया जिन्होंने फिल्म को डायरेक्ट किया था, वो कमाल के डायरेक्टर हैं. मेरी एक और फिल्म जिसकी कहानी भी बहुत ही खूबसूरत सब्जेक्ट पर आधारित है, उसकी भी शूटिंग शुरू होने वाली है. इसके अलावा एक एमएक्स प्लेयर सीरीज है अलाउद्दीन खिलजी पर, जो प्री प्रोडक्शन में है. तो मैं अपने इन प्रोजेक्ट पर काम करने को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं.